शनिवार को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत डिंडोरी जिले के गढ़सराय कस्बे में एक सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। जिसमें मध्य प्रदेश की एक सामूहिक विवाह योजना ने मेडिकल चैकअप के दौरान कुछ दुल्हनों के गर्भवती पाए जाने के बाद हंगामा खड़ा कर दिया, कांग्रेस का कहना है, कि आखिर ये चैकअप किन दिशानिर्देशों के मुताबिक किया गया, इसकी जांच की जानी चाहिए, ये गरीबों का अपमान है।
प्रशासन की ओर से कोई निर्देश नहीं-
जिले के अधिकारी का कहना है कि प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए प्रशासन की ओर से कोई निर्देश नहीं दिए गए थे। वहां के डॉक्टर्स ने मेडिकल चैकअप का फैसला तब लिया, जब वहां की कुछ महिलाओं ने कुछ समस्याओं की शिकायत की थी। जानकारी के मुताबिक, ये मामला अक्षय तृतीया के मौके पर शनिवार को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत डिंडोरी जिले के गढ़सराय कस्बे में हुए सामूहिक विवाह का है।
गरीबों का अपमान-
कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम का कहना है, कि इस तरह की टेस्टिंग गरीबों का अपमान है। राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए, कि इस तरह के प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए दिशानिर्देश या नियम क्या हैं। जानकारी के मुताबिक, डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया, सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान सहभागियों में सिकल सेल (Anemia) का पता लगाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे।
गौर फरमाएं- जबलपुर अस्पताल में लगी आग, 10 की मौत और 25 से अधिक घायल
मेडिकल चैकअप-
उनका कहना है, कि मेडिकल चैकअप के दौरान कुछ दुल्हनों ने मासिक धर्म की समस्या के बारे में बात की, जिसके बाद साइट पर डॉक्टर्स ने ऐसी शिकायत वाली महिलाओं का प्रेगनेंसी टेस्ट करने का फैसला किया।