Petrol-Diesel Price: हाल ही में सऊदी अरब ने एशियाई देशों के लिए कच्चे तेल को सस्ता कर दिया है। दरअसल तेल की सरकारी कंपनी सऊदी अरामको ने अपने फ्लैगशिप लाइट क्रूड की कीमत में कटौती की है। जिसके बाद यह 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह भारत के किए अच्छी खबर है, क्योंकि इस चुनावी वर्ष में पेट्रोल और डीजल की कीमत में गिरावट आएगी और पेट्रोल डीजल की कीमत कम होने से महंगाई भी कम होगी। देश में 2022 से पेट्रोल डीजल की कीमत बदली ही नहीं है। जबकि इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इसके अलावा इससे भारत को भारी भरकम इंपोर्ट बिल से भी निजात मिलेगी। अरामको ने फरवरी शिपमेंट के लिए कच्चे तेल की कीमत में प्रति बैरल $2 की कमी की है।
कच्चे तेल की कीमत में कटौती-
इससे पहले कंपनी ने दिसंबर में जनवरी लोडिंग के लिए कच्चे तेल की कीमत में 1.5 डॉलर प्रति बैरल की कटौती की थी। सऊदी अरब दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और सऊदी अरब में एशिया के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका, उत्तर पश्चिमी यूरोप में और भूमध्याय सागर देश के लिए कच्चे तेल की कीमत में कटौती की है। भारत और खासकर की चीन को ग्लोबल इकॉनमी के लिए ग्रोथ का इंजन माना जा रहा है। यहां खपत बढ़ने की संभावना जताई गई है। जिसकी वजह से सऊदी अरब इन देशों को अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाहता।
सऊदी अरब की मुश्किलें बढ़ी-
हाल ही के बीते सालों में सऊदी अरब को इन देशों में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा। अमेरिका के सेल ऑयल ने 2017 में एशिया में एंट्री ली। लेकिन फरवरी में 2019 में यूक्रेन और रूस के हमले के बाद यह पूरी तरह से बदल गया। साथ ही अमेरिका और अफ्रीका में नए सप्लायर के आने से सऊदी अरब की मुश्किलें बढ़ गई। पश्चिमी देशों की प्रबंध की वजह से रूस ने कच्चे तेल सस्ता किया। भारत और चीन ने इस मौके का फायदा लिया। भारत के क्रूड आयात में यूक्रेन युद्ध से पहले रूस की हिस्सेदारी एक फ़ीसदी से भी कम थी। लेकिन आज चीन और भारत सबसे बड़ा तेल सप्लायर बन चुका है और रूस के तेल एक्सपोर्ट में भारत और चीन की हिस्सेदारी 80% हो चुकी है।
ये भी पढ़ें- LPG सिलेंडर की बुकिंग पर मिलता है 50 लाख का इंश्योरेंश, आपको नहीं देने होंगे 1 भी रुपए
सऊदी अरब ने क्यों उठाया यह कदम-
इस सब के अलावा कच्चे तेल का एक्सपोर्ट बढ़ाने का सबसे ज्यादा नुकसान सऊदी अरब को हुआ है। ओपेक देशों ने रोजाना उत्पादन में 2% कटौती की घोषणा की। लेकिन इससे तेल की कीमत पर कोई असर नहीं हुआ। यही कारण है कि अपने पुराने ग्राहकों को फिर से लुभाने के लिए सऊदी अरब ने यह कदम उठाया है। सोमवार को शुरुआती ट्रेड में ब्रांडक्रूड 89 प्रतिशत यानी 1.13 फीस गिरावट के हिसाब 77.87 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। जबकि डब्ल्यूईटीआई क्रूड भी 91 प्रतिशत यानी एक पॉइंट डॉलर की गिरावट के साथ 72.90 डॉलर प्रति बैरल पर है। दिल्ली में पेट्रोल कीमत 96.72 लीटर और डीजल की कीमत 89.22 रुपए लीटर है।
ये भी पढ़ें- Online Business Idea: इन टॉप बिज़नेस आईडिया से होगी बंपर कमाई, यहां जाने