सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वामी ओम पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। स्वामी ओम ने दीपक मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए जाने का विरोध किया था।
जब जस्टिस दीपक को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने का फैसला हुआ तो स्वामी ओम ने इसका विरोध किया और बाकायदा नियुक्ति को कोर्ट में चैलेंज किया। इतना नहीं स्वामी ओम ने इसके खिलाफ याचिका भी दायर की।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए स्वामी ओम और सह याचिकाकर्ता मुकेश जैन को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने यह याचिका केवल पब्लिसिटी पाने के लिए दायर की है। आपकी याचिका का दूसरा कोई औचित्य नजर नहीं आता। आपने जो गलत तरीका अपनाया है, उसे बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। इसलिए कोर्ट आप दोनों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगा रही है।
वहीं, स्वामी ओम ने कहा कि मेरी जस्टिस दीपक मिश्रा से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। मैं तो केवल संविधान की सही प्रक्रिया का पालन चाहता हूं। जस्टिस को ओम ने कहा कि आप मेरे लिए भगवान के समान हैं। मैं आपका भक्त हूं। स्वामी ओम ने कहा कि मुझे पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है।
मैं चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस का प्रतिभागी रह चुका हूं। पूरी दुनिया में मेरे 34 करोड़ अनुयायी हैं। मुझे दुनिया जानती है। मैंने इस प्रक्रिया को लेकर आपके समय में भी आंदोलन किया था। मैं राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन दे चुका हूं। वहां बात न बनी तो आपके पास आया हूं। आप न्याय देवता के समान हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आपके इतने अनुयायी थे तो आप क्यों कोर्ट आए किसी वकील या अनुयायी को भेज देते। इस पर ओम ने कहा कि कोई वकील आने को तैयार नहीं था, सब आपसे डरते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपको मालूम है कि संविधान के आर्टिकल 124 में संशोधन हो चुका है।
इस पर स्वामी ओम ने कहा कि नहीं मालूम, आप समझा दीजिए। चीफ जस्टिस ने इस पर कहा कि अगर हम हर किसी को संविधान सममझाते रहे तो अपना काम नहीं कर पाएंगे। आपको कोर्ट में पूरी तैयारी से आना चाहिए। इसलिए आपकी याचिका खारिज की जाती है और आप दोनों पर 10-10 लाख रुपये जुर्माना लगाया जा रहा है।
स्वामी ओम ने कहा कि मेरी जेब में तो 10 रुपये भी नहीं तो 10 लाख कहां से दूंगा।
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