फरीदाबाद। राजनीति में ना तो कोई किसीका स्थाई दुश्मन होता है ना स्थाई दोस्त। यह बात एक बार फिर सिद्ध हो गई जब हजकां सुप्रीमों कुलदीप बिश्नोई अपनी विधायक पत्नी रेणूका बिश्नोई एवम पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन व अनेक वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिती में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। हालांकि वे कईं बार कह चुके थे कि भुपेंद्र सिंह हुड्डा के रहते वे कांग्रेस में नहीं आएंगे। इधर हुड्डा और अशोक तंवर समर्थक कुलदीप की कांग्रेस में वापसी का दबे स्वर से विरोध कर रहे थे। कुलदीप बिश्नोई के पिता भजनलाल जो हरियाणा के कईं बार मुख्यमंत्री रहने के अलावा केंद्र में भी मंत्री रहे। उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री ना बनाने पर वे कांग्रेस से अलग हो गए और हरियाणा जनहित कांग्रेस की स्थापना की जिसमें उनके पुत्र व अनेक पुराने कांग्रेसी नेता शामिल थे। भजनलाल के निधन के बाद पार्टी की पकड जनता में कमजोर होती चली गई जिसके चलते लोकसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिशनोई ने भाजपा से समझौता करने की कौशिश की लेकिन बात सिरे नहीं चढी। इसके करीब दो साल बाद कुलदीप बिशनोई ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया इसके लिए कई दिनों से बातचीत चल रही थी।
हजकां का कांग्रेस में विलय
Dastak India Editorial Team
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