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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन तलाक पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि कहा है कि पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं हो सकते। अदालत के मुताबिक ऐसे बोर्डों को भी संविधान के मुताबिक काम करना होगा। तीन तलाक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ये बातें कहीं।
सुप्रीम कोर्ट में भी तीन तलाक को चुनौती दी जा चुकी है जबकि केंद्र सरकार ने इस बारे में कहा है कि यह लैंगिक न्याय, समानता और संविधान के खिलाफ है। लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक का बचाव करता है। उसका कहना है कि महिला की हत्या करने से अच्छा है कि उसे तलाक दे दिया जाए। बोर्ड का कहना है कि धर्म में दिए गए अधिकारों को अदालत में चुनौती नहीं दी सकती है।