हरियाणा में जाट आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड लिया है। रोहतक में अबतक सिर्फ गांव के बडे बुजुर्ग और महिलाएं ही आंदोलन का हिस्सा बनी हुई थी, वहीं अब युवा छात्र भी आंदोलन में बढचढ कर भाग ले रहे हैं। जिस कारण राज्य की पुलिस हाई अलर्ट पर है। क्योंकि पिछले साल फरवरी में हुए आंदोलन में छात्रों के शामिल होने से हालात बेकाबू हो गए थे। इसलिए इस बार सरकार की कोशिश है कि छात्र आंदोलन का हिस्सा न बनें।
बुधवार को आंदोलन के समर्थन में रोहतक के खेल परिसर के सामने छात्र एकत्रित हुए और फिर वहां से जसिया गांव में चल रहे जाटों के धरने को अपना समर्थन देने पहुंचे। फिलहाल जाट आंदोलन हरियाणा तक ही सीमित है हालांकि जाट आरक्षण संघर्ष समीति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने दिल्ली में भी धरना देने की घोषणा की है। जाटों की मांग है कि पिछले वर्ष हुए जाट आंदोलन में उनके समाज के ऊपर दर्ज किए गए मामलों को वापस लिया जाए। इसके अलावा जाटों की मांग है कि आंदोलन में अपने सदस्यों को खोने वाले परिवारों को मुआवजा दिया जाए और कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।