यूपी विधान भवन में विस्फोटक मिलने के बाद मामले की जांच-पड़ताल के लिए एटीएस और एनआईए की टीम विधानसभा पहुंची। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद एनआईए विस्फोटक कांड की जांच में जुट गई है।
साथ ही साथ एनआईए विस्फोटक और जैश-ए-मोहम्मद के कनेक्शन की भी जांच करेगी, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद ने पिछले दिनों ऑडियो टेप जारी कर दो बार योगी आदित्यनाथ को धमकी दी थी। एनआईए की जांच में सीसीटीवी कैमरों से विस्फोटक मामले में कोई सुराग नहीं मिला है।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद शुक्रवार देर रात दोनों टीमों ने विधानसभा के चप्पे-चप्पे को खंगाला। दोनों टीमें सीसीटीवी फूटेज की भी जांच कर रही हैं। इस जांच के दौरान कॉरिडोर के सीसीटीवी कैमरे खराब मिले है।
आपको बता दें कि हॉल के सभी 6 कैमरे चालू थे लेकिन वो तभी तक चलते है जब तक सदन चलता है, हॉल के गेट बंद होने के बाद हॉल के सीसीटीवी कैमरे बंद हो जाते हैं। वहीं विधानसभा में मिले विस्फोटक की दोबारा जांच होगी। एनआईए और सुरक्षा एजेंसियां पाउडर की दोबारा जांच हैदराबाद के सीएफएल से कराना चाहती है। स्टेट फॉरेसिंक लैब ने इसे PETN करार दिया है। सरकार इसकी दोबारा जांच करा सकती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल देर शाम सुरक्षा को लेकर हाई लेवल मीटिंग भी की। इसमें गृह सचिव, डीजीपी, एनआईए , एटीएस और इंटेलिजेंस पुलिस के बड़े अफसर शामिल हुए। इस मीटिंग में विधानसभा की सुरक्षा को और पुख्ता करने पर चर्चा हुई।
हाल ही में आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ धमकी दी। ये संदेश आतंकवादी मसूद अजहर खुद द्वारा लिखे गए हैं और उनके एक सहयोगी द्वारा ऑडियो रिकॉर्ड किया गया है। ये संदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नफरत से भरे थे। अपने संदेश में, भारत के सबसे ज्यादा जरूरी आतंकवादी मसूद अजहर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया इजरायल दौरे के खिलाफ गुस्सा व्यक्त किया।
बता दें कि 12 जुलाई की सुबह यूपी विधानसभा के अंदर विस्फोटक मिलने का खुलासा हुआ था. फौरेंसिक जांच में PETN विस्फोटक के रूप में इसकी पुष्टि हुई है. यह विस्फोटक 50-60 ग्राम की मात्रा में मिला है. विस्फोटक उस जगह पर रखा था जहां तमाम पार्टियों के विधायक बैठते हैं. ये विस्फोटक समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे की सीट के नीचे मिला है.