आस्था के नाम पर जानवरों पर अत्याचार बंद करने की बातें तो की जाती हैं मगर जब मामला वोट का हो तो नेताओं को कुछ भी कर गुजरने से परहेज नहीं होता है। राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री जब चुरू के लोक देवता गोगा जी महराज के मेले में पहुंचे तो एक साथ कई सांपों की माला गले में पहन कर घूमने लगे।
कई जिंदा सांपों को गले में डालकर मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को घूमते देख मेले में आए लोगों की भारी भीड़ जुट गई। मंत्री जी के सांपों के झुंड में जहरीले गोहरे और बांडी सांप थे। इसे देख कर लोगों ने खूब तालियां बजाई और मंत्री जी ने भी लोगों को अपनी इस हरकत से जताया कि उनके उपर भी गोगा जी महराज का आशीर्वाद है। किसी के गले में सांपों के माला डालने के बाद भी कुछ नहीं होता है तो वहां आने वाले श्रद्धालुओं में उसके प्रति भाव बढ़ जाता है। ये माना जाता है कि गोगा जी महराज का हाथ उसके सिर पर है।
लेकिन असल में कहानी कुछ और होती है। भोले-भाले लोग आस्था के नाम पर ठगे जाते हैं क्योंकि संपेरे यहां पर सांपों के विष निकालकर लाते हैं। इस तरह से यहां पर हजारों की संख्या में संपेरे सांप लेकर आते हैं और लोग इन सांपों को अपने गले में लपेटकर घूमते हैं।
राजस्थान के लोक देवता और हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक जाहरवीर गोगाजी के जन्मोत्सव पर हर साल ऐतिहासिक गोगामेडी में वार्षिक मेले का आयोजन होता है। मेले में ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड निशान लेकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गोगा भक्तों को पगड़ी और साफा पहना कर और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। बल्कि स्वयं ने सांपों की माला अपने गले में डाल प्रदेश में शांति, भाईचारा और सौहार्द के वातावरण की कामना की।
राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि ये जन-जन की आस्था का प्रतीक है। इसे आस्था के नजरिए से ही देखा जाना चाहिए। मंत्री जी ने कहा कि जाहरवीर गोगाजी महाराज के इस मेले में हिन्दू और मुस्लिम श्रद्धालु दोनों ही गोगाजी को धोक लगाकर परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं।
इस मौके पर भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी को लोक देवता जाहरवीर के इस वार्षिक मेले में पारम्परिक वाद्य यंत्रों डेरू, ढोल-झींझा के साथ गोगाजी के जयकारों के बीच गोगाजी के निशान एवं छड़ियों की गोगामेडी में धोक लगाई गई। गोगा भक्त जहरीले गोह, नाग और तरह-तरह के सांपों को हाथों में लिए ढोल-झींझे की धुन पर नृत्य करते हुए मंदिर पहुंचे। गोगाजी को सांपों का देवता भी माना जाता है। इधर शहर सहित समेत आस-पास के गांवों व चक-ढाणियों के लोगों का सैलाब उमड़ा और श्रद्धालुओं ने गोगाजी महाराज के जयकारे लगाते हुए धूणी की धोक लगाई।