मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से अनिवार्य रूप से लिंक करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और चार हफ्ते में जवाब मांगा है। वकील राघव तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दूरसंचार मंत्रालय के 16 अगस्त 2016 और 23 मार्च 2017 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी है, जिसमें मंत्रालय ने पुराने मोबाइल नंबर के वेरिफिकेशन के लिए और नया मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।
राघव तन्खा ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानबूझ कर ग़लत व्याख्या की। जिसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि पुराने मोबाइल नंबर के वेरिफिकेशन के लिए और नए मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया जाए। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा था।
याचिका में कहा गया है कि लोकनीति फाउंडेशन के मामले में सुप्रीम ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोबाइल नंबर कि सत्यापन करने को कहा था, जबकि केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा था कि आधार कार्ड अनिर्वाय नहीं हैं हालांकि केंद्र सरकार ने ये कहा था कि आधार कार्ड के जरिये सत्यापन आसानी से होता है, लेकिन इसका मतलब ये नही है कि आधार कार्ड के जरिये ही पुराने मोबाइल नंबर का सत्यापन और नया मोबाइल नंबर मिल सकता है।