इंदौर के जू (चिडिय़ाघर) में गुरुवार शाम को एक युवक के शेर के बाड़े में कूदने से वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाना थे। अब प्रभारी ने जांच की बात कही है। समय रहते मौके पर जू कर्मचारियों ने शेरों का ध्यान युवक से हटा लिया, वरना बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
पिछले वर्ष नवंबर में बाघिनी जमुना पिंजरे से कूदकर बाहर आ गई थी, जिसे काफी मशक्कत के बाद पकड़ा गया था। उस दौरान चिडिय़ाघर में 2 हजार से अधिक दर्शक थे, जो जान बचाकर भागे थे। कुछ दर्शक भागदौड़ में घायल हो गए थे। इस मामले की जांच अभी निगम के पास लंबित है। इस गंभीर घटना ने भोपाल के आला अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर दिया था। तब निगम अधिकारियों ने सुरक्षा के माकूल इंतजाम की बात चिडिय़ाघर प्रबंधन से की थी। प्रबंधन ने तय किया था कि वह 12 से अधिक सीसीटीवी कैमरे पिंजरों के आसपास लगाएगी, जिससे न सिर्फ पिंजरे के अंदर की गतिविधियों की जानकारी मिलेगी, बल्कि दर्शक भी आसानी से दिखाई देंगे। प्रभारी उत्तम यादव ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे कुछ स्थानों पर लगा दिए गए हैं, इसकी सतत मानीटरिंग भी हो रही है। युवक अंदर कैसे कूदा, यह जांच का विषय है। शेर के पिंजरे के पास तैनात कर्मचारी से भी पूछताछ की जाएगी।
बाघिनी जमुना के पिंजरे से कूदने के बाद लाखों रुपए खर्च कर उसका पिंजरे का आकार बढय़ा गया था, ताकि वहां तक न दर्शक जा सके और न वन्य प्राणी बाहर आ पाए। पिंजरे बढ़ाने संबंधी जानकारी भी चिडिय़ाघर प्रबंधन ने सार्वजनिक की थी। इसके बावजूद युवक कैसे पिंजरे से अंदर घुस गया, विचारणीय प्रश्न है।
इस मामले में आश्चर्य की बात यह है कि करीब 20 फीट ऊंचे पिंजरे को फांदकर युवक अंदर बनी टॉन तक पहुंच गया और किसी को कानोंकान खबर तक नहीं लगी। इतनी ऊंचे पिंजरे को फांदने में युवक को 15 से 20 मिनट लगे होंगे, तब तक न तो चिडिय़ाघर के कर्मचारियों को पता चला, न किसी दर्शक ने युवक को रोकने की कोशिश की।