गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाड़ी के खिलाफ़ आज दिल्ली की सड़कों पर पोस्टर लगे हैं, जिसमें उन्हें भगोड़ा करार दिया गया है। ये पोस्टर दिल्ली में उनकी रैली से पहले लगाए गए, जिसके लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी थी, पर पुलिस ने इसकी मंजूरी नहीं दी। हालांकि आयोजक रैली को लेकर अपने रुख पर कायम हैं।
जिग्नेश के खिलाफ पोस्टर नई दिल्ली में संसद मार्ग पर लगाए गए हैं, जिसमें उनकी रैली का बिरोध किया गया है। एक पोस्टर में उन्हें ‘भगोड़ा’ लिखा गया है और कहा गया है कि उनके सांठगांठ नक्सलियों से हैं, जिनका काम भड़काऊ भाषण देना और जातीय हिंसा फैलाना है। एक अन्य पोस्टर में लिखा गया है, ‘सब कुछ करेंगे, लेकिन डिबेट नहीं करेंगे।’
इससे पहले जिग्नेश की रैली के आयोजकों ने कहा कि वे रैली की अपनी योजना पर कायम हैं। इसे देखते हुए संसद मार्ग में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई।
जिग्नेश ने मांगी थी माफ़ी
गुजरात में वड़गांव के विधायक जिग्नेश ने दिल्ली में संसद मार्ग पर रैली के लिए पुलिस से मंजूरी मांगी थी। पुलिस ने पहले कहा था कि वह उनके अनुरोध पर विचार कर रही है। लेकिन बाद में पुलिस ने कहा कि संसद मार्ग पर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को एनजीटी के आदेश के मद्देनजर अब तक मंजूरी नहीं दी गई है। आयोजकों को वैकल्पिक जगह पर जाने की सलाह दी गई है, जिसे वे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
एनजीटी ने पिछले साल 5 अक्तूबर को अधिकारियों को जंतर मंतर रोड पर धरना, प्रदर्शन, लोगों के जमा होने, भाषण देने और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल संबंधी गतिविधियां तत्काल रोकने का आदेश दिया था।
‘पोस्टरों पर खर्च किए गए खूब पैसे‘
सामाजिक न्याय रैली या युवा हुंकार रैली को जिग्नेश और असम के किसान नेता अखिल गोगोई द्वारा संबोधित करने की संभावना है। गुजरात के दलित नेता जिग्नेश ने 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया था कि क्या इस देश में दलितों को शांतिपूर्ण रैली करने का अधिकार है?
आयोजकों में से एक और जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने कहा कि 2 जनवरी को रैली की घोषणा किए जाने के बाद से मेवाणी को ‘देशद्रोही’ और ‘शहरी नक्सली’ बताने वाले पोस्टरों पर बहुत पैसे खर्च किए गए हैं।
रैली में ये हैं मुख्य मुद्दे
रैली में दलित संगठन भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग और शिक्षा के अधिकार, रोजगार, आजीविका और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों को उठाने की संभावना है। इसमें दिल्ली के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों, महिला संगठनों, शिक्षक संघों और जिग्नेश से जुड़े देशभर के कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हुई ठाकुर-दलित झड़प के मुख्य आरोपी आजाद (30) को पिछले साल जून में हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।