दिल्ली में इन दिनों बुक फेयर चल रहा है। यहां गीता प्रेस गोरखपुर के स्टाल से आप मात्र दो रुपये में गीता खरीद सकते हैं। लेकिन आपको सुनकर हैरानी होगी होगी। हरियाणा की राष्ट्रवादी सरकार जो पिछले दिनों गीता जंयती महोत्सव बना रही थी उसने गीता की एक प्रति 38000 रुपये के करीब में खरीदी।
हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला ने इस मामले को जोर शोर से उठाया है और इससे जुडे तथ्य मीडिया के सामने पेश किए हैं। आरटीआई के जरिए पता चला है कि गीता की 10 प्रतियां खरीदने के लिए 3,79,500 रुपये खर्च किए गए थे। गीता की एक कॉपी की कीमत 38000 रुपए थी। इसके अलावा पूरे महोत्सव पर हरियाणा सरकार ने 15 करोड़ रुपए खर्च किए।
दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट कर कहा कि गीता जयंती पर खट्टर सरकार ने 3,79,500 रुपए में गीता की दस कॉपियां खरीदीं। वाह नरेंद्र मोदी जी, हरियाणा में कितनी ईमानदार सरकार है। गीता के नाम पर भी चोरी, ऊपर से सीनाजोरी।
10 #Gita purchased for Rs. 3,79,500 By .@mlkhattar Govt. At #gitajayanti
Wah .@narendramodi ji what an Honest government we have in #Haryana.
Gita ke naam pe bhi chori
Uper Se Sina Jori #Scam .@cmohry pic.twitter.com/iUYsVQ3di4
— Dushyant Chautala (@Dchautala) January 7, 2018
दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि मुख्यमंत्री को इस मामले में आगे आकर इसका न केवल जवाब देना चाहिए बल्कि पूरी खरीद की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इसकी निष्पक्ष जांच नहीं करवाई तो गीता महोत्सव आयोजन की पूरी खरीद प्रक्रिया का मामला सीएजी के समक्ष रखेंगे।
चौटाला ने गीता खरीद में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने जनता विभिन्न टैक्सों के रूप में भारी-भरकम राशि सरकार के खजाने में जमा करवाती है और मनोहर लाल खट्टर सरकार ने जनता के पैसे का दुरूपयोग करते हुए भारी भरकम कीमत वाली गीता ग्रंथ खरीदी है। उन्होंने कहा है कि गीता ग्रंथ हमारे हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है और हम सब के लिए यह पावन-पवित्र है परन्तु सरकार ने इतनी अधिक मूल्य से खरीदी गई गीता ग्रंथ में ऐसा खास क्या है, इसका खुलासा जनता के सामने किया जाए। दुष्यंत चौटाला ने गीता महोत्वस के लिए की गई पूरी खरीद प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।