उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी के मदरसों से जुड़े विवादित बयान को खारिज करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरूल हसन रिजवी ने कहा कि मदरसों को आतंकवाद से जोड़ना ‘हास्यास्पद’ है, क्योंकि इनसे पढ़ाई करने वाले बच्चे IAS अधिकारी तक बन रहे हैं।
पिछले दिनों वसीम रिजवी ने मदरसों पर आतंकवाद को बढावा देने का आरोप लगाकर उन्हें बंद करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हसन रिजवी ने कहा, ‘मदरसों को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश बहुत बचकाना और हास्यास्पद है। एक या दो घटनाओं को लेकर मदरसों को बदनाम नहीं किया जा सकता। आज के समय मदरसों से पढ़ने वाले बच्चे IAS अधिकारी भी बन रहे हैं और दूसरे क्षेत्रों में नाम कमा रहे हैं। मैं तो यह कहूंगा कि मदरसे आतंकवादी नहीं, बल्कि IAS अधिकारी पैदा करते हैं।’
ऐसी कई मिसालें मिलती हैं, जब मदरसों से पढ़े बच्चों ने UPSC की परीक्षा में परीक्षा पास की थी और 404वीं रैंक हासिल की थी।
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में मदरसा ‘अली अरबिया’ से पढ़ाई करने वाले मौलाना हम्माद जफर ने 2013 में UPSC की परीक्षा पास की और उन्हें 825वीं रैंक हासिल हुई थी।
हसन रिजवी ने कहा, ‘वह सरकार की नजर में अच्छा बनने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। लेकिन मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि सरकार को इनकी बातों पर कोई यकीन नहीं है। सरकार तो मदरसों का अधुनिकीकरण करना और इनको आगे बढ़ाना चाहती है।’
खुद उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखले वाले अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा, ‘हाल के समय में मैं कई मदरसों में गया और पाया कि वहां बहुत बदलाव आया है। मदरसों में अब आधुनिकशिक्षा दी जा रही है। जो मदरसे आधुनिक शिक्षा से दूर हैं, सरकार उनके लिए भी काम कर रही है।’ खुद उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखले वाले अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा, ‘हाल के समय में मैं कई मदरसों में गया और पाया कि वहां बहुत बदलाव आया है। मदरसों में अब आधुनिकशिक्षा दी जा रही है। जो मदरसे आधुनिक शिक्षा से दूर हैं, सरकार उनके लिए भी काम कर रही है।’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने गत 8 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मदरसों को ‘मानसिक कट्टरवाद’ को बढ़ावा देने वाला बताते हुए उन्हें स्कूल में तब्दील करने और उनमें इस्लामी शिक्षा को वैकल्पिक बनाने का अनुरोध किया था।
रिजवी ने पत्र में यह भी दावा किया था कि मदरसों में गलत शिक्षा मिलने की वजह से उनके विद्यार्थी धीरे-धीरे आतंकवाद की तरफ बढ़ जाते हैं।
इस विवादित बयान को लेकर प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने वसीम रिजवी को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे 20 करोड़ रुपये बतौर हर्जाना मांगा है।