पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को फिलिस्तीन पहुंचेंगे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली फिलिस्तीन यात्रा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक फिलस्तीन यात्रा से पहले यहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास ने कहा है कि वह पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया में भारत की भूमिका के बारे में उनसे चर्चा करेंगे। इस दौरान इजराइल के साथ अंतिम समझौते की वार्ताओं के लिए एक बहुपक्षीय मंच बनाने के बारे में भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ विचार विमर्श हो सकता है। मोदी फिलस्तीन की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरूशलम को इजराइल की राजधानी घोषित करने के फैसले से इस क्षेत्र में काफी तनाव है।
पीएम मोदी ने 6 महीने पहले इज़राय़ल की यात्रा की थी और जनवरी में इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू भारत के दौरे पर आए थे। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री की फिलिस्तीन की यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ऐसे समय में फिलिस्तीन जा रहे हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरूशलम को इजराइल की राजधानी घोषित किया है।इजराइल और फिलस्तीन में चल रहे संघर्ष पर भारत तटस्थ रहा है और वो समस्या के हल के लिये बातचीत की वकालत करता रहा है।
फिलस्तीन पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया में भारत की संभावित भूमिका पर लगातार चर्चा करते रहे हैं।वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास ने कहा है, ‘हम हाल के घटनाक्रम और शांति प्रक्रिया की ताजा कोशिशों, द्विपक्षीय संबंधों व क्षेत्रीय हालात के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही इस क्षेत्र में शांति की कोशिशों को लेकर भारत की संभावित भूमिका और द्विपक्षीय संबंधों, और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।’फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास और प्रधानमंत्री मोदी के बीच ये चौथी मुलाकात होगी।
प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में शुक्रवार को जॉर्डन पहुंचे थे। उन्होंने जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की और मुलाकात को शानदार करार दिया था।मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय के साथ एक शानदार बैठक हुई। हमारी चर्चा भारत -जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों को काफी मजबूती प्रदान करेगी।’शाह ने बैठक को द्विपक्षीय संबंधों में एक नए अध्याय की शुरूआत बताया। शाह अब्दुल्ला के फरवरी के अत तक भारत आने की संभावना है।