सीबीआई ने रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के खिलाफ सीबीआई ने शिकंजा कसा है। विक्रम पर नियमों को पालन ना करने और 5 बैंकों से 800 करोड़ कर्ज लेने और इसे नहीं चुकाने का आरोप है। बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने कोठारी के खिलाफ कर्ज का भुगतान नहीं करने का मामला दर्ज कराया है। इसके अलावा, जांच एजेंसी ने विक्रम कोठारी के दफ्तर और आवासीय परिसरों पर छापेमारी भी की है। सीबीआई अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। इसके अलावा, जांच एजेंसी ने विक्रम कोठारी के दफ्तर और आवासीय परिसरों पर छापेमारी भी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोठारी ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक जैसे 5 नेशनलाइज्ड बैंकों से करीब 800 करोड़ का कर्ज लिया है। उन पर आरोप है कि रोटोमैक ने कर्ज नहीं चुकाया और इसके लिए उन पर बैंक के नियमों को पहुंचाने का भी आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि विक्रम कोठारी से भी पूछताछ की गई है।
Rotomac Pens owner #VikramKothari seen at the wedding of Jagran group owner Sanjeev Gupta's daughter's wedding in Kanpur yesterday pic.twitter.com/QiYgL02Giq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2018
कुछ दिनों पहले ही पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है। जिसके बाद विक्रम कोठारी के देश छोड़ जाने की खबरें सामने आ रही थी जिसका विक्रम कोठारी ने खंडन किया था। विक्रम कोठारी ने कहा था कि मैं कानपुर का निवासी हूं और मैं शहर में ही रहूंगा। हालांकि मुझे कारोबारी कामकामज से विदेशों में जाना पड़ता है।
पिछले साल कर्ज देने वाले बैंकों में शामिल बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। इस सूची से नाम हटवाने के लिए कंपनी इलाहाबाद हाई कोर्ट गई थी। चीफ जस्टिस डी।बी।भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सूची से बाहर करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि कर्ज चूक की तारीख के बाद कंपनी ने बैंक को 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की पेशकश की थी, बैंक को गलत तरीके से सूची में डाला गया है।