मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक ऐसी याचिका आई है जो चर्चा का विषय बन गई है। दरअसल एक मुस्लिम युवक ने अपनी अपनी हिंदू पत्नी को वापस पाने के लिए कोर्ट में याचिका दी है। युवक ने याचिका में लिखा कि उसकी पत्नी हिंदू है इसलिए उसके घर वालों ने उन दोनों का निकाह मंजूर नहीं किया। युवक के अनुसार इसी वजह से उसके घर वालों ने उसे कैद करके रखा हुआ था। ये याचिका इसी साल जनवरी 2018 में समीर खान नामक युवक ने दी थी।
समीर ने सितंबर 2017 में 23 साल की एक महिला से शादी की थी। वे दोनों इंदौर में रहते थे, जहां वह एक बुटीक चलाते थे। जब पत्नी के घरवालों को पता चला कि वे निकाह कर चुके हैं तो उन्होंने उसका घर से निकलना बंद कर दिया। मामले को जस्टिस जेके महेश्वरी की अदालत में 26 फरवरी को महिला को पेश किया गया तो उसने अपनी कुछ शर्तें अदालत के सामने रख दी। हिंन्दू पत्नी का कहना था कि मैं अपने पति के पास लौटना जरुर चाहती हूं लेकिन उसे वादा करना होगा कि वो दोबारा शादी नहीं करेगा और न ही मुझसे मेरा नाम बदलने को कहेगा।
याचिकाकर्ता समीर के वकील कुलदीप पाठक ने मीडिया को बताया कि उसके मुवक्किल को हिंन्दू पत्नी की शर्ते मंजूर हैं। ऐसे में महिला उसके साथ लौटने का फैसला ले चुकी है। लेकिन इस पर सरकारी वकील ने महिला का बयान फिर से जज सहाब को उनके चैंबर में सुनने की सलाह दी क्योंकि उनके अनुसार महिला किसी फैसले को लेकर अभी मन नहीं बना पाई है।
मामले में जब कोर्ट में दोबारा सुनवाई हुई तो महिला ने वापस अपने मां बाप के पास जाने की इच्छा जताई। जो उस समय कोर्ट में ही मौजूद थे। घर वालों ने भी उसकी देखरेख की बात स्वीकारते हुए जज से उसे अपने पास रहने देने की गुहार लगाई। जिसपर जज ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि महिला को जबरन घर में कैद नहीं किया गया था।