विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में इस बात की पुष्टी की है कि मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं। सुषमा ने वादा किया था कि इस बारे में उन्हें कोई भी जानकारी मिलेगी तो वो उसे देश के सामने साझां करेंगी। सुषमा ने कहा कि उनके पास आज दोनों बातों के पक्के सबूत हैं कि हरजीत मसीह की कहानी सच्ची नहीं थी। दूसरा ये कि वो 39 भारतीय मार दिए गए हैं। आपको बता दें कि हरजीत मसीह उन 40 भारतीयों में शामिल था जो ईराक में काम करने गए थे। मसीह किसी तरह जान बचाकर भारत वापस लौट आया था जबकि अन्य 39 लापता थे। ये सभी नागरिक साल 2014 से ही इराक से लापता हुए थे।
मसीह के अनुसार आईएसआईएस ने बंग्लादेशियों को तो जाने दिया क्योंकि वो मुस्लमान थे लेकिन हम भारतीयों को बंधक बना एक एक कर गोली से उडा दिया। उन्हें गोली सही ढंग से नहीं लग पाई और वो मरने का ढोंग कर लेट गए। इसके बाद वो जान बचाकर किसी तरह अपने मुल्क वापस लौटे। लेकिन मसीह के ये कहानी विदेश मंत्री सुष्मा स्वाराज ने गलत करार दी थी और सभी 39 भारतीयों को लापता बताया था।
सुषमा स्वराज ने बताया कि जब वीके सिंह इराक गए तो वो वहां मोसूल में उस फैक्ट्री के मालिक से मिले जहां ये 40 भारतीय काम करते थे। उन्होंने बताया कि आईएसआईएस उन्हें वहां से टेक्सटाईल फैक्ट्री में ले गए। जहां बांग्लादेशियों और भारतीयों को अलग अलग रखा गया। बांग्लादेशियों को एलबिल शहर ले जाया गया। जिनमें हरजित भी मुस्लिम बनकर बांग्लादेशियों के साथ एलबिल आ गया। वहीं से उसने विदेश मंत्रालय से संपर्क करा। लेकिन ये नहीं बताया कि वो यहां कैसे पहुंचा। उसने बाद में ये कहानी गढ़ी की हमें कतार में खडा कर मौत के घाट उतारा गया। लेकिन हरजीत मसीह अली बनकर पहले ही निकल गया था।
सुषमा ने बताया कि जब आईएसएस वालों ने अगले दिन देखा कि वो 40 की जगह 39 हैं तो वो उन्हें बदूस ले गए। इसके बाद से कंपनी के मालिक को 39 भारतीयों के बारे में कोई जानकारी नहीं लगी। जिसके बाद जनरल वीके सिंह और इराक में भारतीय राजदूत और वहां के एक अधिकारी के साथ बदूस के लिए रवाना हुए। क्योंकि ऐसी जानकारी थी कि बदूस में इन भारतीयों को मौत के घाट उतार दिया गया है। जहां एक मांउट के नीचे लाशें होने की बात सामने आई। जिसके बाद वो पूरा माउंट खुदवाया गया और शवों को बहार निकाला गया। जिनमें से कुछ के हाथ में कडे और लंबे बाल और ऐसे जुते मिले जो ईराकी नहीं थे। इसलिए इन सब शवों को बग्दाद भेजा गया।
इसके बाद शवों की पहचान के लिए भारत से इन लोगों के परिवारों के डीएनए सैंपल ले जाए गए। मार्टिस फाउंडेशन की वजह से ये जांच की गई। जिनमें से 38 लोगों का डीएनए मैच हो गया और 39 वें का भी 70 प्रतिशत मैच हो गया है। जल्द ही उनके शवों को भारत लाया जाएगा। शवों का विमान सबसे पहले अमृतसर पहुंचेगा । जहां पंजाब के 31 और हिमाचल के 4 लोगों के शवों को उतारा जाएगा। इसके बाद विमान पटना और कलकत्ता पहुंचेगा।
लेकिन न्यूज वेबसाइट द क्विंट ने 30 मार्च 2016 को एक वीडियो डाल हरजीत मसीह की बात को सच बताने की कोशिश की थी और उसकी बताई कहानी को फिल्माया था। आप भी देखें ये दोनों वीडियो-
वीडियो सुषमा स्वाराज-
वीडियो द क्विंट-