प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दिए गए फेक न्यूज संबंधी नई गाइड लाइन को नामंजूर कर दिया है। फर्जी खबर चलाने वाले पत्रकारों की मान्यता रद्द करने के केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वापस लेने के लिए कहा है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले पर कोई भी फैसला भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) द्वारा लिया जाए।
बता दें कि मंगलवार (3 अप्रैल) को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि अखबार और न्यूज चैनलों पर फेक न्यूज लिखने वाले पत्रकारों की मान्यता को हमेशा के लिए रद्द कर दिया जाएगा। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि फेक न्यूज मामले में फैसला लेने का हक सिर्फ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को ही है और यह मुद्दा वहीं पर उठाया जाएगा।
कि मंत्रालय ने आज ही कहा था कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें करता हुआ या इनका दुष्प्रचार करते हुए पाया जाता है तो उसकी मान्यता स्थाई रूप से रद्द की जा सकती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि पत्रकारों की मान्यता के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाए जाने पर पत्रकार की मान्यता 6 महीने के लिए निलंबित की जाएगी और दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिये निलंबित की जाएगी।
इसके अनुसार, तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार(महिला/ पुरूष) की मान्यता स्थाई रूप से रद्द कर दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा था कि अगर फर्जी खबर के मामले प्रिंट मीडिया से संबद्ध हैं तो इसकी कोई भी शिकायत भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) को भेजी जाएगी और अगर यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबद्ध पाया जाता है तो शिकायत न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (एनबीए) को भेजी जाएगी ताकि यह निर्धारित हो सके कि खबर फर्जी है या नहीं। मंत्रालय ने कहा था कि इन एजेंसियों को15 दिन के अंदर खबर के फर्जी होने का निर्धारण करना होगा।