जम्मू के कठुआ में आठ साल की बच्ची से गैंगरेप मामले में चर्जशीट दाखिल कर पूरे मामले की हकिकत सामने लाकर रख दी है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस की यह चार्जशीट बताती है कि मासूम बच्ची के साथ किस हद तक दरिंदगी की गई। दरिंदगी की इस चार्जशीट के मुताबिक इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड संजी राम को बताया गया है। बकरवाल समुदाय की इस मासूम बच्ची का अपहरण, रेप और मर्डर इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी।
15 पन्नों की इस चार्जशीट में रासना गांव में देवीस्थान, मंदिर के सेवादार संजी को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। मास्टरमाइंड संजी समुदाय को हटाने के लिए इस घिनौने कृत्य को अंजाम देना चाहता था। इसके लिए वह अपने नाबालिग भतीजे और अन्य छह लोगों को लगातार उकसा रहा था। पुलिस के मुताबिक साजिशकर्ता संजी के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, उसके दोस्त परवेश कुमार उर्फ मन्नू, भतीजा राम किशोर और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा भी कथित रूप से इस घिनौने कृत्य में शामिल रहे।
खिल चार्जशीट में कहा गया है कि साजिशकर्ता संजी बकरवाल समुदाय के तहसील में बसने के खिलाफ था। उसने हिंदू समुदाय के लोगों को भी भड़काया कि वे इस समुदाय के लोगों को बसने के लिए जमीनें न दें। चार्जशीट में कहा गया है कि तहसील में ज्यादातर हिंदू समुदाय की यह सोच बन गई थी कि यह समुदाय गो-हत्या और ड्रग तस्करी से जुड़ा है। अगर ये यहां बसते हैं तो उनके बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। इस कारण से किसी न किसी बात को लेकर बकरवाल समुदाय के लोगों को धमकियां दी जाती रहीं। संजी और अन्य साजिशकर्ता भी इस समुदाय के वहां बसने के खिलाफ थे।
चार्जशीट के मुताबिक क्षेत्र में दोनों समुदायों के बीच विरोध इतना बढ़ गया कि लगातार अलग-अलग थानों में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गईं। क्राइम ब्रांच की जांच के मुताबिक बच्ची को कठुआ जिले में एक मंदिर में ले जाया गया और वहां उसे नशा देकर उसके साथ एक सप्ताह तक कई बार रेप किया गया। यही नहीं बच्ची को मारने से पहले भी उसके साथ रेप हुआ।
चार्जशीट में दरिंदगी की एक और बानगी दिखती है। इसके मुताबिक जब सभी आरोपी मासूम से बारी-बारी से रेप कर रहे थे, एक विशाल ने मेरठ में पढ़ने वाले अपने चचेरे भाई को फोन करके कहा कि अगर वह ‘मजा लूटना चाहता’ है तो आ जाए। इतना ही नहीं चार्जशीट के मुताबिक बच्ची को मारने से ठीक पहले एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें कुछ देर के लिए रोका क्योंकि वह अंतिम बार फिर रेप करना चाहता था। इसके बाद दूसरों ने भी फिर से बच्ची का रेप किया।
चार्जशीट में कहा गया है कि रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। मारने के बाद भी आरोपियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए मासूम मर जाए, उसके सिर पर पत्थर से कई वार किए। बाद में जांच के दौरान राम ने पुलिसकर्मियों को मामला दबाने के लिए 1.5 लाख रुपये की रिश्वत भी दी।
आरोपियों में राम, उसका बेटा विशाल, सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, हेट कॉन्स्टेबल तिलक राज और स्थानीय नागरिक प्रवेश कुमार शामिल हैं। इनके खिलाफ रेप, मर्डर और साक्ष्यों को छिपाने की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
उधर, यह चार्जशीट सामने आने के बाद प्रदेश में तनाव बढ़ गया है। उधर, कुछ वकीलों ने चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। बुधवार को चार्जशीट दाखिल करने पहुंची क्राइम ब्रांच टीम को भी वकीलों के इस समूह ने रोकने की कोशिश की थी। वहीं पीड़ित परिवार की वकील डीएस राजावत ने स्थानीय वकीलों और जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में बार असोसिएशन अध्यक्ष बीएस सलाठिया पर केस ना लड़ने के लिए धमकी देने और चार्जशीट फाइल करने से रोकने का आरोप लगाया है।