भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच हमेशा रोमांच से भरपूर रहते हैं। आज टी-20 एशिया कप के मैच में भारतीय महिला टीम ने एकतरफा मैच में पाकिस्तान को करारी मात देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। एकता बिष्ट उत्तराखंड के एक छोटे से गांव अल्मोड़ा में रहती है। उनके पिता रिटायर फौजी है। इस शेरनी ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट चटकाए।
पाकिस्तान टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 7 विकेट खोकर महज 72 रन ही बना पाई। सात महिला बल्लेबाल तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकीं। एकता बिष्ट ने इस मैच में बेहतरीन गेंदबाजी का नमूना का पेश किया। उन्होंने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट हासिल किए। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव की रहने वाली एकता बिष्ट एक फौजी की बेटी हैं। एकता उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहती हैं और वहीं से उनके क्रिकेट करियर की भी शुरुआत हुई। एकता बिष्ट की गेंदबाजी के सामने पाकिस्तानी बल्लेबाजों नतमस्तक नजर आए।
यह कोई पहला मौका नहीं था, जब पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने उत्तराखंड की इस ‘शेरनी’ के सामने घुटने टेके हों। इससे पहले भी दो बार वर्ल्ड कप के दौरान भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ तो एकता बिष्ट की फिरकी और गुगली में पाकिस्तान फंसता चला गया। पिछले साल वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीम का दो बार आमना-सामना हुआ है और दोनों बार भारत-पाकिस्तान के मैच में एकता बिष्ट ही टीम के लिए मैच विनर साबित हुई। पहली बार फरवरी 2017 में वर्ल्ड कप क्वालीफाइर टूर्नामेंट में भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ था. इस मैच में एकता ने 10 ओवर में महज 8 रन देकर पांच विकेट हासिल किए थे। इस मैच में भी एकता ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुनी गई थीं।
2 जुलाई 2017 को वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हुआ था। पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में एकता ने 10 ओवर में 18 रन देकर पांच विकेट लिए थे और उन्हें मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था। एकता के दमदार प्रदर्शन की बदौलत ही टीम इंडिया ने इस मुकाबले को 95 रनों से जीत लिया था। पांच विकेट वनडे क्रिकेट में एकता बिष्ठ का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही एकता ने अपने नाम एक रिकॉर्ड भी कर लिया था। वह भारत की ओर से वनडे मैचों में पांच या उससे अधिक विकेट झटकने वाली चौथी महिला क्रिकेटर बन गईं।भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच हमेशा रोमांच से भरपूर रहते हैं। आज टी-20 एशिया कप के मैच में भारतीय महिला टीम ने एकतरफा मैच में पाकिस्तान को करारी मात देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। एकता बिष्ट उत्तराखंड के एक छोटे से गांव अल्मोड़ा में रहती है। उनके पिता रिटायर फौजी है। इस शेरनी ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट चटकाए। पाकिस्तान टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 7 विकेट खोकर महज 72 रन ही बना पाई। सात महिला बल्लेबाल तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकीं। एकता बिष्ट ने इस मैच में बेहतरीन गेंदबाजी का नमूना का पेश किया। उन्होंने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट हासिल किए। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव की रहने वाली एकता बिष्ट एक फौजी की बेटी हैं। एकता उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहती हैं और वहीं से उनके क्रिकेट करियर की भी शुरुआत हुई। एकता बिष्ट की गेंदबाजी के सामने पाकिस्तानी बल्लेबाजों नतमस्तक नजर आए।यह कोई पहला मौका नहीं था, जब पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने उत्तराखंड की इस ‘शेरनी’ के सामने घुटने टेके हों। इससे पहले भी दो बार वर्ल्ड कप के दौरान भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ तो एकता बिष्ट की फिरकी और गुगली में पाकिस्तान फंसता चला गया। पिछले साल वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीम का दो बार आमना-सामना हुआ है और दोनों बार भारत-पाकिस्तान के मैच में एकता बिष्ट ही टीम के लिए मैच विनर साबित हुई। पहली बार फरवरी 2017 में वर्ल्ड कप क्वालीफाइर टूर्नामेंट में भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ था. इस मैच में एकता ने 10 ओवर में महज 8 रन देकर पांच विकेट हासिल किए थे। इस मैच में भी एकता ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुनी गई थीं।2 जुलाई 2017 को वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हुआ था। पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में एकता ने 10 ओवर में 18 रन देकर पांच विकेट लिए थे और उन्हें मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था। एकता के दमदार प्रदर्शन की बदौलत ही टीम इंडिया ने इस मुकाबले को 95 रनों से जीत लिया था। पांच विकेट वनडे क्रिकेट में एकता बिष्ठ का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही एकता ने अपने नाम एक रिकॉर्ड भी कर लिया था। वह भारत की ओर से वनडे मैचों में पांच या उससे अधिक विकेट झटकने वाली चौथी महिला क्रिकेटर बन गईं।
बेटी के सपने को पूरा करने के लिए चाय बेचते थे पिता
एकता बिष्ट के पिता कुंदन सिंह बिष्ट भारतीय सेना से हवलदार के पद से रिटायर हैं। अपनी बेटी के क्रिकेट के सपने को पूरा करने के लिए कुंदन सिंह बिष्ट चाय की दुकान चलाते थे और इसी चाय की दुकान से होने वाली आमदनी से उन्होंने एकता के सपने को पूरा किया है। एकता के टीम इंडिया में सलेक्शन के बाद उनके पिता ने चाय की दुकान बंद कर दी।
एक इंटरव्यू में एकता ने कहा था कि, पहाड़ में लड़कियां क्रिकेट खेलती हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता। मैं सौभाग्यशाली थी कि मुझे मौका मिला। मेरे पिताजी (कुंदन सिंह बिष्ट) ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया।’ एकता ने कहा, ‘मैं 2006 में उत्तराखंड की तरफ से खेली और बाद में उत्तर प्रदेश की टीम से जुड़ गई थीं, लेकिन मैंने कभी दोनों टीमों में खास अंतर नहीं पाया। मैं रेलवे का भी आभार व्यक्त करती हूं, जिसके कारण मुझे आगे बढ़ने में मदद मिली।’
बेटी के सपने को पूरा करने के लिए चाय बेचते थे पिता
एकता बिष्ट के पिता कुंदन सिंह बिष्ट भारतीय सेना से हवलदार के पद से रिटायर हैं। अपनी बेटी के क्रिकेट के सपने को पूरा करने के लिए कुंदन सिंह बिष्ट चाय की दुकान चलाते थे और इसी चाय की दुकान से होने वाली आमदनी से उन्होंने एकता के सपने को पूरा किया है। एकता के टीम इंडिया में सलेक्शन के बाद उनके पिता ने चाय की दुकान बंद कर दी।
एक इंटरव्यू में एकता ने कहा था कि, पहाड़ में लड़कियां क्रिकेट खेलती हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता। मैं सौभाग्यशाली थी कि मुझे मौका मिला। मेरे पिताजी (कुंदन सिंह बिष्ट) ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया।’ एकता ने कहा, ‘मैं 2006 में उत्तराखंड की तरफ से खेली और बाद में उत्तर प्रदेश की टीम से जुड़ गई थीं, लेकिन मैंने कभी दोनों टीमों में खास अंतर नहीं पाया। मैं रेलवे का भी आभार व्यक्त करती हूं, जिसके कारण मुझे आगे बढ़ने में मदद मिली।’