26 मई 2014 को Modi sarkar ने सत्ता संभाली। मोदी के कोर्यकाल का समय चार साल से भी ज्यादा हो गया है। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की शपथ ग्रहण की, नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छे दिनों का जो वादा किया था, आज आमजन से लेकर नेता तक पर प्रश्न उठा रहे हैं, कि क्या उनके वादे की सच साबित हो सके ? इस पर विपक्षी नेता भी चुटकी ले रहे हैं कि क्या यही है अच्छे दिन है ?
नोटबंदी के समय बताया गया था कि इससे भ्रष्टाचार और कालेधन को नियंत्रित किया जा सकेगा, लेकिन क्या नोटबंदी होने के बाद आज भ्रष्टाचार बंद हो गया है? क्या अब काला धन के मामले सामने नहीं आते? तो फिर यह घोटाले क्यों हो रहा है? PNB घोटाला, एनएच घोटाला यह सभी घोटाले फिर क्यों? जीएसटी की अगर बात करें तो, इससे किसको लाभ हुआ और किसको नुकसान इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि नीति बनाने वाली खुद ही सरकार है, लेकिन नुकसान को हम ट्रांसपोर्टर की आत्महत्या के रूप में देख सकते हैं।
बाबरी और राम जन्मभूमि का मसला सुलझा क्या ?
तीन तलाक बिल पास कराने पर क्या दंपत्तियों के विवाहित जीवन सुखी हो पाएगा? बाबरी और राम जन्मभूमि का मसला नहीं सुलझा, लेकिन हालात इस ओर संकेत कर रहे हैं कि BJP सरकार मुस्लिम विरोधी नीतियों को अप्रत्यक्ष रुप से संचालित कर रही है , जिसका परिणाम शायद दंगा – फसाद जैसी बड़ी समस्याएं हो उत्पन्न हो जाये।
मैं मोदी सरकार की विरोधी नहीं हूं, हां काफी हद तक मोदी सरकार ने कई क्षेत्रों में कुछ प्रयास किए हैं, ताकि थोड़ा कुछ सुधार आ सके, लेकिन जमीनी स्तर पर आम जनता को इस सरकार ने कुछ नहीं दिया सिवाय महंगाई , जीएसटी के। उत्तराखंड में जमीन के रेट महंगे करन आमजन का नुकसान है न की फायदा। जनता का इन सब चीजों पर क्या असर हुआ है इसका परिणाम 2019 के भावी चुनाव में ही पता चलेगा।
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