केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हम चाहते हैं कि भारतीय रेलवे नेटवर्क स्वच्छता को बढ़ावा देने में सक्रिय भागीदार बनें। हम यात्रियों को इस दिशा शामिल करके काम करेंगे और यात्रियों के बीच जागरुकता पैदा करेंगे। ट्रेन में जहां भी भोजन में देरी हो रही है, हम सुनिश्चित करेंगे कि भोजन और पानी यात्रियों को उपलब्ध कराया जाए।
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि समयबद्धता, सफाई और खान तीन मुद्दे थे जिन पर हमने सात जोनों की समीक्षा की है, जबकि सुरक्षा से समझौता किए बिना समयबद्धता में सुधार करने के प्रयास किए जाएंगे। सुरक्षा से संबंधित किसी भी काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
Punctuality, cleanliness & catering were 3 issues on which we've done reviews of 7 zones. While efforts to improve punctuality will be taken without compromising our efforts on safety; any work related to safety will be given highest priority: Union Railway Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/KzPiFw9YHK
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हम चाहते हैं कि भारतीय रेलवे नेटवर्क स्वच्छता को बढ़ावा देने में सक्रिय भागीदार बनें। हम यात्रियों को इस दिशा शामिल करके काम करेंगे और यात्रियों के बीच जागरुकता पैदा करेंगे। ट्रेन में जहां भी भोजन में देरी हो रही है, हम सुनिश्चित करेंगे कि भोजन और पानी यात्रियों को उपलब्ध कराया जाए।केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि समयबद्धता, सफाई और खान तीन मुद्दे थे जिन पर हमने सात जोनों की समीक्षा की है, जबकि सुरक्षा से समझौता किए बिना समयबद्धता में सुधार करने के प्रयास किए जाएंगे। सुरक्षा से संबंधित किसी भी काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।इससे पहले रविवार को केंद्रीय रेलमंत्री ने कहा था कि अगस्त से नब्बे फीसदी ट्रेंने समय पर पहुचेंगी। इसके लिए उन्होने दो महीने के भीतर देशभर में ट्रेनों के समयपालन में सुधार लाने का लक्ष्य तय किया है। पीयूष गोयल ने ट्रनों के समयपालन में सुधार के लिए कई नियमों में बदलाव किए हैं, वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को घर जाने की भी सलाह दी है।बता दे कि इससे पहले भी एक बड़ी घोषणा की थी कि मार्च 2019 तक 18,750 अन्य कोचों में बायो टॉयलेट लगाने की योजना है। इसी के साथ रेलवे वर्तमान में चल रही सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट के इस्तेमाल के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार मार्च 2019 में बायो टॉयलेट के शत प्रतिशत इस्तेमाल का लक्ष्य पाने में हम सफल होंगे। इससे रेलवे ट्रैक को साफ रखने और बदबू रहित बनाने में मदद मिलेगी।प्रत्येक बायो टॉयलेट की स्थापना में लागत एक लाख रुपये आती है। इस योजना पर सरकार 250 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। अगर रेलवे अपनी योजना में पुन: बदलाव करता है और ट्रेनों में वैक्यूम बायो टॉयलेट लगाने का कार्य करता है तो उसे करीब 700 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करनी होगी। प्रत्येक वैक्यूम बायो टॉयलेट लगाने में ढाई लाख रुपये खर्च होते हैं। इसमें पानी के इस्तेमाल को काफी कम किया जा सकता है और यह अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है।
— ANI (@ANI) June 18, 2018