BSP पार्टी से पूर्व सांसद के भाई की मीट फैक्ट्री में तीन दलित मजदूरों के मरने की एक बड़ी खबर सामने आई है। यह कंपनी कानूनों के नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही है। खबरों के अनुसार हापुड़ रोड़ पर स्थित इस मीट फैक्ट्री में एक कुआं था। इस कुएं में जानवरों के कटान के बाद जानवरों के अवशेष को डाला जाता था। यह तीनों दलित मजदूर इस कुएं की सफाई करने के लिए कुएं में उतरे गए थे। यह कुआं काफी लंबे समय से बंद था।
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BSP पार्टी से पूर्व सांसद के भाई की मीट फैक्ट्री में तीन दलित मजदूरों के मरने की एक बड़ी खबर सामने आई है। यह कंपनी कानूनों के नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही है। खबरों के अनुसार हापुड़ रोड़ पर स्थित इस मीट फैक्ट्री में एक कुआं था। इस कुएं में जानवरों के कटान के बाद जानवरों के अवशेष को डाला जाता था। यह तीनों दलित मजदूर इस कुएं की सफाई करने के लिए कुएं में उतरे गए थे। यह कुआं काफी लंबे समय से बंद था।खबरों के मुताबिक इस कंपनी के इस कुएं में जानवरों के कटान के बाद जानवरों के बचे अवशेषों को डाला जाता था। पिछले काफी समय से इस कुएं की सफाई नहीं हुई थी। कुएं मे चार मजदूरों को सफाई के लिए उतारा गया था। बिजौली गांव में रहने वाले मजदूर जोगेंद्र को सबसे पहले कुएं में उतारा गया। जैसे ही जोगेंद्र कुएं में सफाई के लिए उतरे वैसे ही वह कुएं में मौजूद गैस के कारण बेहोश हो गए। इसके बाद गुड्डू और अजय एक के बाद एक जोगेंद्र को बचाने के लिए कुएं में गए पर वह दोनों भी गैस के कारण बेहोश हो गए। चौथे मजदूर सतवीर ने यह सब देखा तो वह चिल्लाने लगा और मजदूरों की सहायता से उन तीनों का कुएं से बाहर निकाला। एक मजदूर की वहीं मौत हो गई।तीनों मजदूरों को अस्पताल में भर्ती करवाने के वजाए कंपनी के ही कुछ लोग इन तीनों मजदूरों को अस्पताल के बाहर फेंककर चले गए। बाद में लोगों ने शवों को हापुड़ रोड पर रखकर रोड़ जाम किया। जानकारी के मुताबिक इस मीट कंपनी में मरने वाले तीनों मजदूर दलित है।आपको बता दे कि BSP पार्टी से मेरठ के पूर्व सांसद शाहिद अख़लाक़ के भाई राशिद अख़लाक़ की अल-यासिर नाम से मीट फैक्ट्री हापुड़ रोड पर अल्लीपुर गांव के पास है। गैरकानूनी रुप से इस कंपनी को चलाया जा रहा है। कुछ महीने पहले ही जिला प्रशासन ने छापा मारकर इस कंपनी को बंद कर दिया था। पर उसके बाद भी यह कंपनी बिना किसी डर के चल रहीं है।इस मामले में पुलिस ने उचित कोर्यवाही नहीं की। पुलिस के इस रवैये से परेशान होकर मजूदरों के गांववालों ने एसएसपी आवास पर गुहार लगाई। गांववालों ने मांग की मजूदरों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और कंपनी के मालिक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। वहीं एसएसपी ने संबंधित अफसरों को उजित कार्रवाई करने का आदेश दिया।
खबरों के मुताबिक इस कंपनी के इस कुएं में जानवरों के कटान के बाद जानवरों के बचे अवशेषों को डाला जाता था। पिछले काफी समय से इस कुएं की सफाई नहीं हुई थी। कुएं मे चार मजदूरों को सफाई के लिए उतारा गया था। बिजौली गांव में रहने वाले मजदूर जोगेंद्र को सबसे पहले कुएं में उतारा गया। जैसे ही जोगेंद्र कुएं में सफाई के लिए उतरे वैसे ही वह कुएं में मौजूद गैस के कारण बेहोश हो गए। इसके बाद गुड्डू और अजय एक के बाद एक जोगेंद्र को बचाने के लिए कुएं में गए पर वह दोनों भी गैस के कारण बेहोश हो गए। चौथे मजदूर सतवीर ने यह सब देखा तो वह चिल्लाने लगा और मजदूरों की सहायता से उन तीनों का कुएं से बाहर निकाला। एक मजदूर की वहीं मौत हो गई।
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तीनों मजदूरों को अस्पताल में भर्ती करवाने के वजाए कंपनी के ही कुछ लोग इन तीनों मजदूरों को अस्पताल के बाहर फेंककर चले गए। बाद में लोगों ने शवों को हापुड़ रोड पर रखकर रोड़ जाम किया। जानकारी के मुताबिक इस मीट कंपनी में मरने वाले तीनों मजदूर दलित है।
आपको बता दे कि BSP पार्टी से मेरठ के पूर्व सांसद शाहिद अख़लाक़ के भाई राशिद अख़लाक़ की अल-यासिर नाम से मीट फैक्ट्री हापुड़ रोड पर अल्लीपुर गांव के पास है। गैरकानूनी रुप से इस कंपनी को चलाया जा रहा है। कुछ महीने पहले ही जिला प्रशासन ने छापा मारकर इस कंपनी को बंद कर दिया था। पर उसके बाद भी यह कंपनी बिना किसी डर के चल रहीं है।
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