देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल में 15 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार करने और उसे कवर करने के प्रयास में नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। चार लड़को को बलात्कार के लिए गिरफ्तार हैं, जिसने लड़की को गर्भवती कर उसे छोड़ दिया। पांच स्कूल अधिकारियों को इस घटना को कवर करने के लिए गिरफ्तार है। पुलिस ने बताया कि अधिकारियों ने गर्भवती होने के बाद लड़की को गर्भपात करने के लिए मजबूर कर दिया था।
बुधवार को एक मेडिकल जांच ने पुष्टि की कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। स्कूल के गिरफ्तार अधिकारियों में प्रिंसिपल और डायरेक्टर भी शामिल हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार के मुताबिक, देहरादून शहर में हुई घटना के बाद राज्य सरकार ने जीआरडी वर्ल्ड स्कूल के शैक्षिक लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया है।
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देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल में 15 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार करने और उसे कवर करने के प्रयास में नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। चार लड़को को बलात्कार के लिए गिरफ्तार हैं, जिसने लड़की को गर्भवती कर उसे छोड़ दिया। पांच स्कूल अधिकारियों को इस घटना को कवर करने के लिए गिरफ्तार है। पुलिस ने बताया कि अधिकारियों ने गर्भवती होने के बाद लड़की को गर्भपात करने के लिए मजबूर कर दिया था।बुधवार को एक मेडिकल जांच ने पुष्टि की कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। स्कूल के गिरफ्तार अधिकारियों में प्रिंसिपल और डायरेक्टर भी शामिल हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार के मुताबिक, देहरादून शहर में हुई घटना के बाद राज्य सरकार ने जीआरडी वर्ल्ड स्कूल के शैक्षिक लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया है।पुलिस ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को एक महीने से बलात्कार के बारे में पता था और पीड़िता को स्कूल से निकालने की धमकी भी दी थी। मामले की जाँच कर रही राज्य की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि स्कूल के अधिकारियों ने पीड़ित को शांत रहने के लिए दबाव डाला और उत्पीड़ित भी किया। सीडब्ल्यूसी के कविता शर्मा ने यह भी बताया कि जब वे उन्हें मेडिकल चेक अप के लिए निजी नर्सिंग होम ले गए तो स्कूल के दो कर्मचारी पीड़िता के माता-पिता के बनकर चले गए।पीड़ित की बहन को जब घटना के बारे में पता चला तो उसने अपने माता-पिता को सूचित किया जिन्होंने स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज की। देश में बढते रेप में मानो कोई सुधार ही नहीं आ रहा है। उम्मीद है कि आरापियो को उनकी सजा मिलेगी।
पुलिस ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को एक महीने से बलात्कार के बारे में पता था और पीड़िता को स्कूल से निकालने की धमकी भी दी थी। मामले की जाँच कर रही राज्य की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि स्कूल के अधिकारियों ने पीड़ित को शांत रहने के लिए दबाव डाला और उत्पीड़ित भी किया। सीडब्ल्यूसी के कविता शर्मा ने यह भी बताया कि जब वे उन्हें मेडिकल चेक अप के लिए निजी नर्सिंग होम ले गए तो स्कूल के दो कर्मचारी पीड़िता के माता-पिता के बनकर चले गए।
पीड़ित की बहन को जब घटना के बारे में पता चला तो उसने अपने माता-पिता को सूचित किया जिन्होंने स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज की। देश में बढते रेप में मानो कोई सुधार ही नहीं आ रहा है। उम्मीद है कि आरापियो को उनकी सजा मिलेगी।
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