इसरो ने आज यानी गुरूवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी-सी43 (PSLV-C43) रॉकेट से हाइसिस(HysIS) सैटेलाइट लॉन्च किया गया है। यह भारत का हाइसिस (एचवाईएसआईएस) सैटेलाइट है, जिसके जरिये PSLV-C43 रॉकेट प्रदूषण की मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही, आपको बता दे कि इनमें 23 उपग्रह अमेरिका के और एक-एक उपग्रह ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं।
Andhra Pradesh: ISRO to launch HysIS, India’s own earth observation satellite on PSLV-C43 today from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota. 29 other satellites from various countries will also be launched including 23 from USA. pic.twitter.com/NElHyebkjh
इसरो ने आज यानी गुरूवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी-सी43 (PSLV-C43) रॉकेट से हाइसिस(HysIS) सैटेलाइट लॉन्च किया गया है। यह भारत का हाइसिस (एचवाईएसआईएस) सैटेलाइट है, जिसके जरिये PSLV-C43 रॉकेट प्रदूषण की मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही, आपको बता दे कि इनमें 23 उपग्रह अमेरिका के और एक-एक उपग्रह ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं।आपको बता दे कि ये रॉकेट हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी ‘ऑप्टिकल इमेजिंग डिटेक्टर ऐरे’ पर आधारित है, जिससे धरती के चप्पे-चप्पे पर नज़र रखी जा सकेगी। PSLV-C43 की लंबाई 44 मीटर है। इसमें कुल 11 सैटेलाइट हैं, जिनका कुल भार 261.5 किलोग्राम है। 112 मिनट में यह मिशन पूरा हो जाएगा।यह लॉन्चिंग 4 स्टेज में हुई। पहली स्टेज में पीएसएलवी 139 सॉलिड रॉकेट मोटर इस्तेमाल करता है, जिसे 6 सॉलिड स्टूप बूस्ट करते हैं। दूसरी स्टेज में लिक्विड रॉकेट इंजन का यूज होता है, जिसे विकास नाम से पहचाना जाता है। तीसरी स्टेज में सॉलिड रॉकेट मोटर मौजूद है, जो ऊपरी स्टेज को ज्यादा ताकत से धकेलती है। चौथी और आखिरी स्टेज में पेलोड से नीचे मौजूद हिस्सा था, जिसमें दो इंजन मौजूद होते हैं।इसरो अन्तरिक्ष के क्षेत्र में लगातार कामयाबी हासिल कर रहा है, जिससे दुनिया भर में देश की प्रतिष्ठा भी बढ़ रही है। खबरों की माने तो इसके साथ आठ देशों के 30 अन्य सैटेलाइट (1 माइक्रो और 29 नैनो) भी छोड़े गए। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) की इस साल में यह छठी उड़ान थी।
— ANI (@ANI) November 29, 2018