पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार यानी कल अपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ की लॉन्चिंग की। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। और कहा, ‘मैं ऐसा पीएम था जो मीडिया से बात करने में घबराता नहीं था।’
साथ ही, उन्होंने कहा कि मुझ पर खुद के मौन रहने के आरोपों पर कहा कि लोग समझते है, मैं मौन प्रधानमंत्री था। लेकिन मेरी किताब (चेंजिंग इंडिया) इस बारे में खुद बोलेगी। मैं कभी ऐसा पीएम नहीं था जो प्रेस से बात करने में घबराए। मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था और हर विदेश यात्रा के बाद वापसी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था।
Dr Manmohan Singh: People say I was a silent Prime Minister. I think these volumes(his book 'Changing India') speak for themselves. I wasn't the PM who was afraid of talking to the press. I met press regularly & on evey foreign trip I undertook, I had a press conference on return pic.twitter.com/2JprH7ZZ79
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार यानी कल अपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ की लॉन्चिंग की। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। और कहा, ‘मैं ऐसा पीएम था जो मीडिया से बात करने में घबराता नहीं था।’साथ ही, उन्होंने कहा कि मुझ पर खुद के मौन रहने के आरोपों पर कहा कि लोग समझते है, मैं मौन प्रधानमंत्री था। लेकिन मेरी किताब (चेंजिंग इंडिया) इस बारे में खुद बोलेगी। मैं कभी ऐसा पीएम नहीं था जो प्रेस से बात करने में घबराए। मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था और हर विदेश यात्रा के बाद वापसी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था।साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उसका समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम कर सके। ये बात पर भी उन्होंने नरेन्द्र मोदी को अपना निशाना बनाया क्योंकि इस समय केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच कुछ उलझने चल रही है।मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों की ओर से किसानों की कर्ज माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘हमें चुनावी घोषणा-पत्र में जताई गई प्रतिबद्धता का सम्मान करना है…’ उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रभाव के बारे में अध्ययन नहीं किया है लेकिन चूंकि प्रतिबद्धता जताई गई है, इसलिए हमें उसका सम्मान करना है।’
— ANI (@ANI) December 18, 2018
साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उसका समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम कर सके। ये बात पर भी उन्होंने नरेन्द्र मोदी को अपना निशाना बनाया क्योंकि इस समय केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच कुछ उलझने चल रही है।
Former PM Manmohan Singh: The strong, independent Reserve Bank of India has to work in close cooperation with the central govt. So I do hope & pray that Reserve Bank & the Govt of India would find ways and means to work in harmony with each other. pic.twitter.com/uiRvw4xFWQ
— ANI (@ANI) December 18, 2018
#WATCH: Former PM Dr Manmohan Singh speaks of the time he was appointed as the Finance Minister in the govt led by PV Narasimha Rao, says "People say I was accidental Prime Minister, I was also accidental Finance Minister". pic.twitter.com/HVJyOoAZEa
— ANI (@ANI) December 18, 2018
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों की ओर से किसानों की कर्ज माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘हमें चुनावी घोषणा-पत्र में जताई गई प्रतिबद्धता का सम्मान करना है…’ उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रभाव के बारे में अध्ययन नहीं किया है लेकिन चूंकि प्रतिबद्धता जताई गई है, इसलिए हमें उसका सम्मान करना है।’
Former PM Manmohan Singh on farm loan waiver in Rajasthan, Madhya Pradesh and Chhattisgarh: We have to honour that commitment, that is a part of the election manifesto of the states which went to polls. So the Chief Ministers have announced that. pic.twitter.com/ybeJbJQwdY
— ANI (@ANI) December 18, 2018