दिल्ली हाई कोर्ट ने नैना साहनी तंदूरकांड के आरोपी सुशील शर्मा को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसला से सुशील को बड़ी राहत मिली है। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके अनुसार, दोषी सुशील शर्मा को फ़ौरन जेल से रिहा करने का आदेश दिया है।
Delhi High Court orders the immediate release of 1995 Tandoor murder case convict Sushil Sharma. pic.twitter.com/byJYWRe1tv
दिल्ली हाई कोर्ट ने नैना साहनी तंदूरकांड के आरोपी सुशील शर्मा को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसला से सुशील को बड़ी राहत मिली है। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके अनुसार, दोषी सुशील शर्मा को फ़ौरन जेल से रिहा करने का आदेश दिया है।खबरों की माने तो 56 वर्षीय सुशील शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई अपनी याचिका में दावा किया था कि वो 23 साल से जेल में है और अगर माफी की अवधि भी इसमें जोड़ दें, तो साढ़े 29 साल से वो जेल में बंद है। इसी आधार पर उसने रिहाई की मांग की थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि 29 साल की कैद के बाद भी अभी तक सुशील शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया?क्या है मामलादिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई 1995 को नैना साहनी तंदूरकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी का कत्ल अवैध संबंध के शक होने पर किया था। दिल दहला देने वाली इस वारदात की जानकारी मिलने के बाद तत्कालीन दिल्ली यूथ कांग्रेस के नेता मतलूब करीम सामने आए और पहली बार यह खुलासा किया कि तंदूर में जिस महिला को भूना गया, उसका नाम नैना साहनी था। वह सुशील शर्मा की पत्नी थी। वहीं, वारदात को अंजाम देने के बाद सुशील शर्मा लापता हो गया था। हालांकि बाद में पुलिस ने सुशील शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। सुशील शर्मा दिल्ली युवा कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष है।ऐसे हुआ खुलासा जब सुशील शर्मा अपनी पत्नी के शव को तंदूर में डालकर भून रहा था, तभी मक्खन की वजह से तंदूर से उठती आग की लपटें और धुआं रेस्तरां के बाहर दिखने लगा। इस बीच सब्जी बेचने वाली एक महिला अनारो की नजर इस आग और धुएं पर पड़ी। पहले तो अनारो ने सोचा कि शायद रेस्तरां में आग लग गई है और वो शोर मचाने लगी। इसको सुनकर आसपास गश्त कर रहे दिल्ली पुलिस के सिपाही अब्दुल नजीर, अनारो के पास आए। इसके बाद आग की लपटों और धुएं को देखकर रेस्तरां की तरफ भागे। जब सिपाही नजीर वहां पहुंचे, तो उनके होश उड़ गए।
— ANI (@ANI) December 21, 2018
खबरों की माने तो 56 वर्षीय सुशील शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई अपनी याचिका में दावा किया था कि वो 23 साल से जेल में है और अगर माफी की अवधि भी इसमें जोड़ दें, तो साढ़े 29 साल से वो जेल में बंद है। इसी आधार पर उसने रिहाई की मांग की थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि 29 साल की कैद के बाद भी अभी तक सुशील शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया?
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