उत्तर प्रदेश के हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट में दो महिलाओं ने शुक्रवार को शादी कर ली है। वहाँ के उप-पंजीयक रामकिशोर पाल ने बताया कि हमीरपुर के राठ पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाली दो महिलाएं शुक्रवार को उनके कार्यालय में आईं और एक-दूसरे को माला पहनाकर विवाह किया। उन्होंने कहा, “महिलाओं में से एक 26 साल की है वहीं दूसरी 21 साल की है, जो एक मां भी है। वे एक हलफनामा लेकर आए थे कि उनकी शादी को पंजीकृत किया जाए और इसे सामाजिक मान्यता दी जाए।” हालांकि विवाह पंजीकृत नहीं था पाल ने बताया।
पंजीकृत ना होने का कारण यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में समलैंगिक सेक्स को डिक्रिमिनिलाइज तो कर दिया था लेकिन कानून समान सेक्स विवाह की अनुमति नहीं देता है। वकील दयाशंकर तिवारी जो कि 21 साल की लड़की के वकील हैं उन्होने कहा कि उनका मुवक्किल एक सरकारी स्कूल के शिक्षक की बेटी है, जबकि 26 वर्षीय एक मजदूर की बेटी है। दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की है।
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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट में दो महिलाओं ने शुक्रवार को शादी कर ली है। वहाँ के उप-पंजीयक रामकिशोर पाल ने बताया कि हमीरपुर के राठ पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाली दो महिलाएं शुक्रवार को उनके कार्यालय में आईं और एक-दूसरे को माला पहनाकर विवाह किया। उन्होंने कहा, “महिलाओं में से एक 26 साल की है वहीं दूसरी 21 साल की है, जो एक मां भी है। वे एक हलफनामा लेकर आए थे कि उनकी शादी को पंजीकृत किया जाए और इसे सामाजिक मान्यता दी जाए।” हालांकि विवाह पंजीकृत नहीं था पाल ने बताया।पंजीकृत ना होने का कारण यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में समलैंगिक सेक्स को डिक्रिमिनिलाइज तो कर दिया था लेकिन कानून समान सेक्स विवाह की अनुमति नहीं देता है। वकील दयाशंकर तिवारी जो कि 21 साल की लड़की के वकील हैं उन्होने कहा कि उनका मुवक्किल एक सरकारी स्कूल के शिक्षक की बेटी है, जबकि 26 वर्षीय एक मजदूर की बेटी है। दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की है।इससे पहले हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसले को एलजीबीटीक्यू समुदाय और अन्य लोगों ने स्वागत करते हुए खुशी जताई थी। इस फैसले को “ऐतिहासिक” कहा गया था और उनका मानना था कि इस फैसले ने उन्हें एक बुनियादी मानव अधिकार प्रदान किया है। लेकिन यह भी स्वीकार किया कि पूर्ण समानता अभी भी कुछ दूरी पर है।