राफेल मामले पर कई दिनों से लगातार बयानबाजी चल रही है। ये मामला थमने का नाम नहीं ले रहा तो वहीं राफेल डील को राजनीति मुद्दा बनाकर विपक्षी पार्टी केंद्र सरकार पर नजरे गढ़ाए बैठी है। आज फिर से लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा हो रही है, उसी दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया। राफेल पर जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि हमें अपने पड़ोसी मुल्कों से खतरा है और हमें क्षेत्र में शांति रखनी होगी।
सीतारमण ने कहा कि इसके लिए अपनी सेना को मजबूती देनी की भी जरूरत है ताकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हो सकें। निर्मला ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है लेकिन कांग्रेस को रक्षा सौदे की गोपनीयता समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहला राफेल विमान 2019 यानी डील के 3 साल के भीतर आ जाएगा जबकि कांग्रेस यह काम नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि 2022 तक सभी विमान भारत आ जाएंगे। यूपीए के वक्त में 10 साल तक करार की प्रक्रिया तक पूरी नहीं हो पाई जबकि हमने 3 महीने में यह करके दिखाया है।
Defence Minister in Lok Sabha: The first aircraft will be delivered in September 2019 and 36 aircraft will be delivered in the year 2022. The process of negotiation was finished in 14 months. #Rafale pic.twitter.com/V0FsmB03yx
राफेल मामले पर कई दिनों से लगातार बयानबाजी चल रही है। ये मामला थमने का नाम नहीं ले रहा तो वहीं राफेल डील को राजनीति मुद्दा बनाकर विपक्षी पार्टी केंद्र सरकार पर नजरे गढ़ाए बैठी है। आज फिर से लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा हो रही है, उसी दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया। राफेल पर जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि हमें अपने पड़ोसी मुल्कों से खतरा है और हमें क्षेत्र में शांति रखनी होगी।सीतारमण ने कहा कि इसके लिए अपनी सेना को मजबूती देनी की भी जरूरत है ताकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हो सकें। निर्मला ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है लेकिन कांग्रेस को रक्षा सौदे की गोपनीयता समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहला राफेल विमान 2019 यानी डील के 3 साल के भीतर आ जाएगा जबकि कांग्रेस यह काम नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि 2022 तक सभी विमान भारत आ जाएंगे। यूपीए के वक्त में 10 साल तक करार की प्रक्रिया तक पूरी नहीं हो पाई जबकि हमने 3 महीने में यह करके दिखाया है।खबरों की माने तो, निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिफेंस डीलिंग और डीलिंग में डिफेंस में फर्क है। हम डिफेंस डीलिंग नहीं करते। हम डिफेंस की डील करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रहती है और इसीलिए हम तय समय से 5 महीने पहले ही सारे विमानों को भारत ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना कुछ मिले राफेल विमान देश में नहीं लाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताए किस वजह से डील की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। पहले कांग्रेस मेरे सवालों के जवाब दे। क्योंकि यह मेरा जवाब सुनने को तैयार नहीं है।साथ ही, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस जेट खरीदना ही नहीं चाहती थी और हर AA के बाद एक RV और Q भी है।उन्होंने कहा कि यूपीके के वक्त भी HAL के साथ कोई करार साइन नहीं किया गया था, इसलिए कांग्रेस पार्टी HAL के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। मंत्री ने कहा कि दसॉल्ट ने HAL में बनने वाले राफेल विमानों की गारंटी लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी तब इस मुद्दो का समाधान नहीं निकाला था और आज आंसू बहा रहे हैं। लोकसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी ने उस वक्त HAL पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को यह पता होना चाहिए।रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपीए के 18 विमानों की संख्या बढ़ाकर हमने 36 की है जबकि कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है कि मोदीजी ने विमानों की संख्या घटा दी है। मंत्री ने कहा कि जब भी आपात स्थिति में कुछ खरीदा जाता है तो जल्दी में 36 विमान खरीदे जाते हैं। पहले भी ऐसा हो चुका है जब 1982 में 36 विमानों की खरीद की गई थी।
— ANI (@ANI) January 4, 2019
खबरों की माने तो, निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिफेंस डीलिंग और डीलिंग में डिफेंस में फर्क है। हम डिफेंस डीलिंग नहीं करते। हम डिफेंस की डील करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रहती है और इसीलिए हम तय समय से 5 महीने पहले ही सारे विमानों को भारत ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना कुछ मिले राफेल विमान देश में नहीं लाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताए किस वजह से डील की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। पहले कांग्रेस मेरे सवालों के जवाब दे। क्योंकि यह मेरा जवाब सुनने को तैयार नहीं है।
Defence Minister in Lok Sabha: There is a difference between defence dealings and dealing in defence. We don't do defence dealings. We deal in defence with national security as a priority. pic.twitter.com/wfPWbEd7VC
— ANI (@ANI) January 4, 2019
साथ ही, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस जेट खरीदना ही नहीं चाहती थी और हर AA के बाद एक RV और Q भी है।
Defence Minister in Lok Sabha: Congress did not intend buying the jets . For every 'AA' there is a 'Q' and 'RV'. #Rafale pic.twitter.com/h19l8BCnju
— ANI (@ANI) January 4, 2019
उन्होंने कहा कि यूपीके के वक्त भी HAL के साथ कोई करार साइन नहीं किया गया था, इसलिए कांग्रेस पार्टी HAL के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। मंत्री ने कहा कि दसॉल्ट ने HAL में बनने वाले राफेल विमानों की गारंटी लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी तब इस मुद्दो का समाधान नहीं निकाला था और आज आंसू बहा रहे हैं। लोकसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी ने उस वक्त HAL पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को यह पता होना चाहिए।
Defence Minister during debate on Rafale jet deal in Lok Sabha: Congress is shedding crocodile tears for HAL. Congress govt gave 53 waivers to HAL. We have given contracts worth Rs 1 lakh crore.
— ANI (@ANI) January 4, 2019
रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपीए के 18 विमानों की संख्या बढ़ाकर हमने 36 की है जबकि कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है कि मोदीजी ने विमानों की संख्या घटा दी है। मंत्री ने कहा कि जब भी आपात स्थिति में कुछ खरीदा जाता है तो जल्दी में 36 विमान खरीदे जाते हैं। पहले भी ऐसा हो चुका है जब 1982 में 36 विमानों की खरीद की गई थी।
Defence Minister: Emergency purchases are always two squadrons. In 1982, when Pak was buying F-16s, Indian gvt then decided to buy 2 squadrons of MIG-23 MF from erstwhile Soviet Union, in '85 again 2 squadrons of Mirage 2000 bought from France & in '87- 2 squadrons of MIG-29. pic.twitter.com/RokxIAGWyO
— ANI (@ANI) January 4, 2019