सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को लेकर अपना एक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी गुरूवार को अपने फैसले में कहा कि मुंबई में नए सुरक्षा और नियमों के साथ डांस बार दोबारा से खोले जा सकते हैं, लेकिन डांस बार में पैसों की बारिश करने की इजाजत नहीं होगी। अदालत ने कहा कि मुंबई के डांस बार में सीसीटीवी कैमरों की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये लोगों की निजता यानी प्राइवेसी का उल्लंघन करते हैं। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।
Mumbai Dance bar matter: Supreme Court allows orchestra, tips can be given but showering of cash and coins is not allowed inside bars. https://t.co/TRGjshwE5U
— ANI (@ANI) January 17, 2019
आपको बता दे कि इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2005 से सरकार की ओर से एक भी डांस बार को लाइसेंस नहीं दिया गया। वर्तमान नियमों के आधार पर डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। इससे पहले पिछले साल 30 अगस्त को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
खबरों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है। पुरानी फिल्मों में चुंबन और प्यार भरे दृश्यों के लिए दो फूलों का मिलना और दो पंछियों का चहचहाना दिखाया जाता था, लेकिन अभी के समाज में लिव-इन को भी कुछ हद तक स्वीकार किया जाता है। देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई डांस बार पर लगाए गए प्रतिबंधों को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा था कि ये नियम इन क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए है।
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दरअसल, बार मालिकों को किसी भी धार्मिक या शैक्षणिक संस्था से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार बनाने का आदेश दिया गया था जिसके बाद डांस बार मालिकों की ओर से इस तरह की प्रतिबंध पर आपत्ति जताई गई और मामला कोर्ट में पहुंच गया।
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