सरकार ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को उनके पद से हटाकर सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो भेज दिया। राकेश अस्थाना को ही नहीं उनके साथ-साथ ज्वॉइंट डायरेक्टर ए. के. शर्मा, डीआईजी एम. के. सिन्हा और जयंत नायकनवारे का कार्यकाल भी घटा दिया गया। बता दे कि इससे पहले सरकार ने आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटा दिया था और फायर सेफ्टी विभाग में भेज दिया था। वर्मा ने बाद में अपनी सेवा से इस्तीफा दे दिया। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।
Tenure of CBI Special Director Rakesh Asthana and three other CBI officers curtailed by Appointments Committee of the Cabinet, with immediate effect. pic.twitter.com/TXbhwQ9kVO
सरकार ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को उनके पद से हटाकर सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो भेज दिया। राकेश अस्थाना को ही नहीं उनके साथ-साथ ज्वॉइंट डायरेक्टर ए. के. शर्मा, डीआईजी एम. के. सिन्हा और जयंत नायकनवारे का कार्यकाल भी घटा दिया गया। बता दे कि इससे पहले सरकार ने आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटा दिया था और फायर सेफ्टी विभाग में भेज दिया था। वर्मा ने बाद में अपनी सेवा से इस्तीफा दे दिया। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई डायरेक्टर के रूप में बहाल आलोक वर्मा को चयन समिति की बैठक के बाद निदेशक पद से हटाया गया था। उनको हटाने का फैसला तीन सदस्यों वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने 2-1 के बहुमत से लिया। खबरों के अनुसार, सेलेक्ट कमेटी के फैसले से पहले चीफ जस्टिस की ओर से मनोनीत किए गए सदस्य जस्टिस ए.के. सीकरी ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि वर्मा को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच के नतीजों के आधार पर पद से हटा दिया जाना चाहिए।वहीं खबरों की माने तो, अस्थाना के खिलाफ कार्रवाई उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर की गई है। सीबीआई ने अस्थाना, निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार और 2 अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगा गया है कि उन्होंने दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच पांच बार रिश्वत ली थी।
— ANI (@ANI) January 17, 2019
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई डायरेक्टर के रूप में बहाल आलोक वर्मा को चयन समिति की बैठक के बाद निदेशक पद से हटाया गया था। उनको हटाने का फैसला तीन सदस्यों वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने 2-1 के बहुमत से लिया। खबरों के अनुसार, सेलेक्ट कमेटी के फैसले से पहले चीफ जस्टिस की ओर से मनोनीत किए गए सदस्य जस्टिस ए.के. सीकरी ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि वर्मा को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच के नतीजों के आधार पर पद से हटा दिया जाना चाहिए।
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