पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव मोदी के लिए एक बड़ी दुःख की खबर है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अलीबाग बीच के बने आलीशान बंगले को गिराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। बता दे, ये बंगला करीब 20 हजार वर्गफुट में बना है। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।
Maharashtra: Authorities to soon begin demolition of PNB scam accused diamantaire Nirav Modi's bungalow in Alibag, Raigad district. More details awaited. pic.twitter.com/eKfBil5rUU
पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव मोदी के लिए एक बड़ी दुःख की खबर है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अलीबाग बीच के बने आलीशान बंगले को गिराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। बता दे, ये बंगला करीब 20 हजार वर्गफुट में बना है। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।खबरों की माने तो, पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए इस बंगले तोड़ने के लिए सब डिविजनल अधिकारी शरद पवार पहुंच गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस बंगले को तोड़ने में कई दिन लग सकते हैं।नीरव मोदी पर 13 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोप है। वह अपने इस बंगले में पार्टियां करता था। हाल में ही वर्तमान जिला मजिस्ट्रेट विजय सूर्यवंशी ने इस बंगले को अवैध करार दिया था। इससे पहले तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट एसओ सोनेवाणे ने इसे वैध करार दिया था। वर्तमान जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा बंगले को अवैध करार दिए जाने के बाद अब इसे जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू की गई है। इससे पहले ईडी ने बंगले से कई मूल्यवान चीजों को निकालकर उसे कलेक्टर ऑफिस में जमा करा दिया है।वहीं, ईडी के मुताबिक, रायगढ़ प्रशासन को इस बंगले के निर्माण में कमियां मिली थीं। हाई कोर्ट का आदेश है कि सरकार उन सभी बंगलों को गिराए जो पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए हैं। इसके बाद जिला प्रशासन ने इस बंगले को गिराने की कागजी कार्यवाही शुरू की। फिलहाल, रायगढ़ जिले के अलीबाग में 121 और मुरुड में 151 अवैध बंगले हैं।
— ANI (@ANI) January 25, 2019
खबरों की माने तो, पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए इस बंगले तोड़ने के लिए सब डिविजनल अधिकारी शरद पवार पहुंच गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस बंगले को तोड़ने में कई दिन लग सकते हैं।
नीरव मोदी पर 13 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोप है। वह अपने इस बंगले में पार्टियां करता था। हाल में ही वर्तमान जिला मजिस्ट्रेट विजय सूर्यवंशी ने इस बंगले को अवैध करार दिया था। इससे पहले तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट एसओ सोनेवाणे ने इसे वैध करार दिया था। वर्तमान जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा बंगले को अवैध करार दिए जाने के बाद अब इसे जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू की गई है। इससे पहले ईडी ने बंगले से कई मूल्यवान चीजों को निकालकर उसे कलेक्टर ऑफिस में जमा करा दिया है।
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