महाराष्ट्र सरकार ने भी आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य जाति वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की मंजूरी दे दी है। बता दे कि 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण के बिल को आज महाराष्ट्र सरकार मंत्रिमंडल के सामने रखा गया था। जिसे सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। वहीं, केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों लिए 10 फीसदी आरक्षण 1 फरवरी से लागू हो गया है।
Maharashtra Cabinet approves 10% reservation in education and employment opportunities for economically weaker sections. pic.twitter.com/38Sa7jG6jr
महाराष्ट्र सरकार ने भी आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य जाति वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की मंजूरी दे दी है। बता दे कि 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण के बिल को आज महाराष्ट्र सरकार मंत्रिमंडल के सामने रखा गया था। जिसे सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। वहीं, केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों लिए 10 फीसदी आरक्षण 1 फरवरी से लागू हो गया है।खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इसको लेकर पहले ही आदेश जारी कर दिया था। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम के जरिये संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है। इसके जरिये एक प्रावधान जोड़ा गया है, जो सरकार को ‘नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर किसी तबके की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है।’आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आय प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य हो सकता है। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि आरक्षण का लाभ उन्हीं को जिनकी सालाना आय आठ लाख रुपये से कम है। सवर्ण आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आपके पास जाति प्रमाण पत्र हो। सवर्ण जाति के प्रतियोगियों को कभी भी जाति प्रमाण पत्र लगाने की जरूरत नहीं होती इसलिए ज्यादातर लोगों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं होता है।
— ANI (@ANI) February 4, 2019
खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इसको लेकर पहले ही आदेश जारी कर दिया था। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम के जरिये संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है। इसके जरिये एक प्रावधान जोड़ा गया है, जो सरकार को ‘नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर किसी तबके की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है।’
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