पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णागुंज से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सत्यजीत बिश्वास की कल यानी शनिवार को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। विश्वास अपनी अपनी पत्नी और बच्चे संग अपने क्षेत्र के एक सरस्वती पूजा समारोह में गए थे, जहां उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
खबरों के अनुसार, टीएमसी के जिला अध्यक्ष गौरीशंकर दत्त ने बीजेपी के एक स्थानीय नेता को इसका जिम्मेदार बताया है। इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में बीजेपी नेता मुकुल रॉय का भी नाम है। लेकिन बीजेपी ने इस तरह के आरोपों से साफ़ इनकार कर दिया है। नदिया जिले के एसपी रुपेश कुमार ने बताया कि हमने लोगों को हिरासत में लिया है। हमने हत्या में इस्तेमाल किया गया देसी कट्टा जब्त किया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि उन्हें पीछे से गोलियां मारी गईं। यह सुनियोजित तरीके से की गई हत्या है।
वही, खबरों की माने तो विश्वास मटुआ समुदाय से आते हैं जो कि राजनीतिक रूप से बंगाल में काफी अहम है। वे इलाके में लोकप्रिय थे और कुछ दिनों पहले ही उनकी शादी हुई थी। बीजेपी और टीएमसी दोनों की ही इस समुदाय पर नजर है। पिछले चुनावों में मटुआ समुदाय का समर्थन ममता बनर्जी के साथ रहा है। इस बार बीजेपी ने इस समुदाय में काफी जगह बनाई है। मटुआ समुदाय आजादी के समय बांग्लादेश से भारत आया था।
नदिया जिला बांग्लादेश सीमा के करीब है और बीजेपी ने हाल के दिनों में यहां पर काफी पैठ बनाई है। पंचायत चुनावों में बीजेपी को काफी कामयाबी मिली थी। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय नदिया लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सत्यब्रत मुखर्जी जीते थे और वे मंत्री भी बने थे। हालांकि 2014 में उन्हें 26 फीसदी वोट ही मिले थे।
Twitter CEO ने संसदीय समिति के सामने पेश होने से किया इनकार, जाने पूरा मामला
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णागुंज से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सत्यजीत बिश्वास की कल यानी शनिवार को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। विश्वास अपनी अपनी पत्नी और बच्चे संग अपने क्षेत्र के एक सरस्वती पूजा समारोह में गए थे, जहां उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।खबरों के अनुसार, टीएमसी के जिला अध्यक्ष गौरीशंकर दत्त ने बीजेपी के एक स्थानीय नेता को इसका जिम्मेदार बताया है। इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में बीजेपी नेता मुकुल रॉय का भी नाम है। लेकिन बीजेपी ने इस तरह के आरोपों से साफ़ इनकार कर दिया है। नदिया जिले के एसपी रुपेश कुमार ने बताया कि हमने लोगों को हिरासत में लिया है। हमने हत्या में इस्तेमाल किया गया देसी कट्टा जब्त किया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि उन्हें पीछे से गोलियां मारी गईं। यह सुनियोजित तरीके से की गई हत्या है।वही, खबरों की माने तो विश्वास मटुआ समुदाय से आते हैं जो कि राजनीतिक रूप से बंगाल में काफी अहम है। वे इलाके में लोकप्रिय थे और कुछ दिनों पहले ही उनकी शादी हुई थी। बीजेपी और टीएमसी दोनों की ही इस समुदाय पर नजर है। पिछले चुनावों में मटुआ समुदाय का समर्थन ममता बनर्जी के साथ रहा है। इस बार बीजेपी ने इस समुदाय में काफी जगह बनाई है। मटुआ समुदाय आजादी के समय बांग्लादेश से भारत आया था।नदिया जिला बांग्लादेश सीमा के करीब है और बीजेपी ने हाल के दिनों में यहां पर काफी पैठ बनाई है। पंचायत चुनावों में बीजेपी को काफी कामयाबी मिली थी। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय नदिया लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सत्यब्रत मुखर्जी जीते थे और वे मंत्री भी बने थे। हालांकि 2014 में उन्हें 26 फीसदी वोट ही मिले थे।टीएमसी ने इस मामले को राजनीतिक हत्या करार दिया है। पार्टी ने इसे राजनीतिक हत्या बताया और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह टीएमसी की आपसी गुटबाजी की लड़ाई है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है और कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस पर विश्वास नहीं है।