पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज यानी रविवार को कई अलगाववादियों को दी जाने वाली सरकारी सुरक्षा को छीन लिया गया है। इन अलगाववादी नेताओं में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज़ उमर फारूक, अब्दुल ग़नी बट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, शब्बीर शाह शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा को वापस लिया गया है।
इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। खबरों की माने तो ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक, प्रो अब्दुल गनी बट, बिलाल गनी लोन, शब्बीर शाह और हाशिम कुरैशी को प्रदान की गई सुरक्षा व सुरक्षा वाहन और अन्य सुविधाएं वापस ली जाती हैं। इसके अलावा अगर कोई अन्य सरकारी सुविधा भी इनको प्राप्त है तो वह भी हटाई जाएगी।
J&K Govt: We are issuing orders withdrawing all security & any govt facilities provided to separatist leaders-Mirwaiz Umar Farooq, Abdul Ghani Bhat, Bilal Lone, Hashim Qureshi & Shabir Shah. All security & any vehicles provided to them will stand withdrawn by today evening.
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज यानी रविवार को कई अलगाववादियों को दी जाने वाली सरकारी सुरक्षा को छीन लिया गया है। इन अलगाववादी नेताओं में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज़ उमर फारूक, अब्दुल ग़नी बट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, शब्बीर शाह शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा को वापस लिया गया है।इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। खबरों की माने तो ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक, प्रो अब्दुल गनी बट, बिलाल गनी लोन, शब्बीर शाह और हाशिम कुरैशी को प्रदान की गई सुरक्षा व सुरक्षा वाहन और अन्य सुविधाएं वापस ली जाती हैं। इसके अलावा अगर कोई अन्य सरकारी सुविधा भी इनको प्राप्त है तो वह भी हटाई जाएगी।मीरवाईज मौलवी उमर फारूक और प्रो अब्दुल गनी बट ने राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिए जाने पर कहा कि हमने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी। अगर इसे हटाया जाता है तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। इस सुरक्षा को भारतीय एजेंसियां कश्मीर की आजादी पसंद तंजीमों और उनके नेताओं को बदनाम करने के लिए ही इस्तेमाल करती हैं। राज्य सरकार ने खुद ही हम पर खतरे का आकलन कर सुरक्षा दी थी। इसके जरिए हमारी गतिविधियों की निगरानी की जाती थी। अच्छा हो गया है,अब हम आजादी से चल फिर सकेंगे।वही खबरों के अनुसार, बीते एक दशक के दौरान सरकारी खजाने से राज्य में सक्रिय अलगाववादियों की सुरक्षा पर करीब 15 करोड़ खर्च हुए हैं। यह राशि अलगाववादियों को प्रदान किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों, एस्कार्ट, वाहन व अन्य सुविधाओं पर खर्च हुई है। मीरवाईज मौलवी उमर फारुक की सुरक्षा पर ही छह करोड़ की राशि खर्च हुई है। इसमें से 1.27 करोड़ उनके साथ अटैच पुलिस एस्कार्ट पर हुए हैं जबिक उनके घर पर तैनात सुरक्षा गार्द पर 5.06 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। प्रो अब्दुल गनी बट की सुरक्षा पर बीते एक दशक में 2.34 करोड़ की राशि खर्च हुई है, जबकि बिलाल गनी लोन की सुरक्षा पर इस दौरान 1.65 करोड़ और हाशिम कुरेशी की सुरक्षा पर भी करीब डेढ़ करोड़ खर्च किए गए हैं।बता दें कि पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ की टुकड़ी पर किए गए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले को लेकर देश भर में गम और गुस्से का माहौल है। हर तरफ यही मांग है कि जवानों की शहादत का बदला लिया जाए। मोदी सरकार इसके लिए एक्शन में भी नज़र आ रही है। इस संबंध में शनिवार को सर्वदलीय बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर एक अहम मीटिंग हुई, जिसके बाद इस तरह के फैसले लिए जा रहे है।
— ANI (@ANI) February 17, 2019
मीरवाईज मौलवी उमर फारूक और प्रो अब्दुल गनी बट ने राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिए जाने पर कहा कि हमने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी। अगर इसे हटाया जाता है तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। इस सुरक्षा को भारतीय एजेंसियां कश्मीर की आजादी पसंद तंजीमों और उनके नेताओं को बदनाम करने के लिए ही इस्तेमाल करती हैं। राज्य सरकार ने खुद ही हम पर खतरे का आकलन कर सुरक्षा दी थी। इसके जरिए हमारी गतिविधियों की निगरानी की जाती थी। अच्छा हो गया है,अब हम आजादी से चल फिर सकेंगे।
Srinagar: Visuals from outside Separatist Abdul Ghani Bhat's office&residence after J&K admin withdraws security, Bhat says, 'Security was provided by state govt, I don't need it. My security is Kashmiri ppl. There are chances of war b/w Pak&India.Let them address war issue first pic.twitter.com/uiK5W5sknh
— ANI (@ANI) February 17, 2019
वही खबरों के अनुसार, बीते एक दशक के दौरान सरकारी खजाने से राज्य में सक्रिय अलगाववादियों की सुरक्षा पर करीब 15 करोड़ खर्च हुए हैं। यह राशि अलगाववादियों को प्रदान किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों, एस्कार्ट, वाहन व अन्य सुविधाओं पर खर्च हुई है। मीरवाईज मौलवी उमर फारुक की सुरक्षा पर ही छह करोड़ की राशि खर्च हुई है। इसमें से 1.27 करोड़ उनके साथ अटैच पुलिस एस्कार्ट पर हुए हैं जबिक उनके घर पर तैनात सुरक्षा गार्द पर 5.06 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। प्रो अब्दुल गनी बट की सुरक्षा पर बीते एक दशक में 2.34 करोड़ की राशि खर्च हुई है, जबकि बिलाल गनी लोन की सुरक्षा पर इस दौरान 1.65 करोड़ और हाशिम कुरेशी की सुरक्षा पर भी करीब डेढ़ करोड़ खर्च किए गए हैं।
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