राफेल सौदे को लेकर राजनीति में चल रहे घमासान के बीच दसॉल्ट कंपनी के सीईओ ने एक बयान जारी किया है। दसॉल्ट कंपनी के सीईओ ने कहा है कि राफेल डील सौदे में कोई घोटाला नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उन्हें कोई बैचैनी नहीं थी क्योंकि यह डील साफ-सुथरी है।
इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक़, बेंगलूरू में चल रहे एयरो इंडिया-2019 एयर शो के दौरान दसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा है कि राफेल डील में कोई घोटाला नहीं हुआ, भारत को हमें 36 विमान देने हैं और इसकी आपूर्ति करेंगे। अगर भारत को और भी विमान चाहिए तो हमें इसकी भी आपूर्ति करने में खुशी होगी।
Dassault Aviation CEO Eric Trappier: There is no scandal with #Rafale, we had the request for 36 aircraft and we are going to deliver it. If Government of India wants more aircraft, we will be more than pleased to deliver. pic.twitter.com/Y3bdvHmTGF
राफेल सौदे को लेकर राजनीति में चल रहे घमासान के बीच दसॉल्ट कंपनी के सीईओ ने एक बयान जारी किया है। दसॉल्ट कंपनी के सीईओ ने कहा है कि राफेल डील सौदे में कोई घोटाला नहीं है। साथ ही, उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उन्हें कोई बैचैनी नहीं थी क्योंकि यह डील साफ-सुथरी है।इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक़, बेंगलूरू में चल रहे एयरो इंडिया-2019 एयर शो के दौरान दसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा है कि राफेल डील में कोई घोटाला नहीं हुआ, भारत को हमें 36 विमान देने हैं और इसकी आपूर्ति करेंगे। अगर भारत को और भी विमान चाहिए तो हमें इसकी भी आपूर्ति करने में खुशी होगी।खबरों की माने तो कंपनी के सीईओ ने कहा कि पहला राफेल विमान सितंबर के महीने में भारत पहुंचेगा। जिसके बाद हर महीने एक विमान भारत को दिया जाएगा। इस लिहाज से 36 महीने में 36 विमानों की आपूर्ति होगी। राफेल विमान के देश में बनने के सवाल पर ट्रैपियर ने कहा कि भारत में एयरक्राफ्ट बनाने के लिए कम से कम 100 विमानों का ऑर्डर होना चाहिए।खबरों के अनुसार, राफेल विवाद में कांग्रेस लगातार दसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर के 26 मार्च 2015 को तत्कालीन वायु सेना अध्यक्ष अरूप राहा और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अध्यक्ष की मौजूदगी में दिए बयान का हवाला देता रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दसॉल्ट और एचएएल के समझौते अपने अंतिम चरण में है। बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान जिस सौदे पर बातचीत चल रही थी उसमें 18 विमान सीधे फ्रांस से आने थे, जबकि 108 विमान दसॉल्ट और एचएएल की साझेदारी में बनने थे।लेकिन यूपीए सरकार के बाद मोदी सरकार में हुए नए सौदे में 126 के बदले 36 विमान का सौदा हुआ और इस नए करार में एचएएल की भूमिका नहीं रही। इसके अलावा दसॉल्ट कंपनी ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को अपना ऑफसेट पार्टनर चुना। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए पिछला सौदा रद्द किया।
— ANI (@ANI) February 20, 2019
खबरों की माने तो कंपनी के सीईओ ने कहा कि पहला राफेल विमान सितंबर के महीने में भारत पहुंचेगा। जिसके बाद हर महीने एक विमान भारत को दिया जाएगा। इस लिहाज से 36 महीने में 36 विमानों की आपूर्ति होगी। राफेल विमान के देश में बनने के सवाल पर ट्रैपियर ने कहा कि भारत में एयरक्राफ्ट बनाने के लिए कम से कम 100 विमानों का ऑर्डर होना चाहिए।
खबरों के अनुसार, राफेल विवाद में कांग्रेस लगातार दसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर के 26 मार्च 2015 को तत्कालीन वायु सेना अध्यक्ष अरूप राहा और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अध्यक्ष की मौजूदगी में दिए बयान का हवाला देता रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दसॉल्ट और एचएएल के समझौते अपने अंतिम चरण में है। बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान जिस सौदे पर बातचीत चल रही थी उसमें 18 विमान सीधे फ्रांस से आने थे, जबकि 108 विमान दसॉल्ट और एचएएल की साझेदारी में बनने थे।
तमिलनाडु में BJP-AIADMK ने किया गठबंधन , बीजेपी 5 सीटों पर लड़ेगी लोकसभा चुनाव
लेकिन यूपीए सरकार के बाद मोदी सरकार में हुए नए सौदे में 126 के बदले 36 विमान का सौदा हुआ और इस नए करार में एचएएल की भूमिका नहीं रही। इसके अलावा दसॉल्ट कंपनी ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को अपना ऑफसेट पार्टनर चुना। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए पिछला सौदा रद्द किया।
मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिया तोहफा, अब 12 फीसदी मिलेगा महंगाई भत्ता