पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में सरकार ने चार अलगाववादी नेताओं के बाद अब 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। मोदी सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब सभी 22 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई है।
इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक, जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है।
Among the leaders whose security has been downgraded & withdrawn by J&K govt are SAS Geelani, Aga Syed Mosvi, Maulvi Abbas Ansari, Yaseen Malik, Saleem Geelani, Shahid ul Islam, Zaffar Akbar Bhat, Nayeem Ahmed Khan, Mukhtar Ahmad Waza,
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में सरकार ने चार अलगाववादी नेताओं के बाद अब 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। मोदी सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब सभी 22 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई है।इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक, जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है।इसके अलावा 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। इन्हें उनके खतरे के आकलन और उनकी गतिविधियों के आधार पर सुरक्षा दी गई थी। इसमें शाह फैसल भी शामिल हैं, जिन्होंने IAS से इस्तीफा देकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वॉइन की थी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन हुर्रियत नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां लगी हुई थीं, जो अब वापस ले ली गई हैं।इससे पहले सरकार ने चार हुर्रियत नेताओं मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, शब्बीर शाह की सुरक्षा वापस ली थी। एक अनुमान के मुताबिक इन नेताओं की सुरक्षा पर सरकार ने अभी तक करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए थे।बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में सुरक्षा बलों के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह आतंकी हमला एक स्थानीय युवक ने विस्फोट से लदी कार से सीआरपीएफ के काफिले की बस को टक्कर मारकर किया था। इस हमले के बाद सबसे पहले हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाए जाने की मांग उठी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे।
— ANI (@ANI) February 20, 2019
इसके अलावा 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। इन्हें उनके खतरे के आकलन और उनकी गतिविधियों के आधार पर सुरक्षा दी गई थी। इसमें शाह फैसल भी शामिल हैं, जिन्होंने IAS से इस्तीफा देकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वॉइन की थी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन हुर्रियत नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां लगी हुई थीं, जो अब वापस ले ली गई हैं।
Among the leaders whose security has been downgraded & withdrawn by J&K govt are Farooq Ahmed Kichloo, Masroor Abbas Ansari, Aga Syed Abul Hussain, Abdul Gani Shah and Mohd Musadiq Bhat.
— ANI (@ANI) February 20, 2019