भारत-पाकिस्तान के बीच में विवाद का मुद्दा केवल कश्मीर नहीं बल्कि कई और भी मुद्दे है, जिनसे इन दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है। भारत और पाकिस्तान में संबंध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं। इन देशों में इस रिश्ते की मूल वजह भारत के विभाजन को देखा जाता है। आइए जानते हैं उन विवादों के बारे में जो कश्मीर के मुद्दे से अलग हैं और जिनकी वजह से आज भी दोनों के रिश्तों में खटास है।
सिंधु जल समझौता
साल 1947 में भारत आजाद होने के बाद से पानी को लेकर विवाद शुरू हो गया। 1948 में भारत ने पानी रोक दिया था, जिससे पाकिस्तान में दिक्कत शुरू हो गई। उसके बाद एक समझौते के साथ पानी की आपूर्ति शुरू हुई। 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के बाद से भारत और पाकिस्तान में कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव बना हुआ है।
इस समझौते के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ, जो भारत से पाकिस्तान जाती हैं। 3 पूर्वी नदियों (रावी, व्यास और सतलज) के पानी पर भारत का पूरा हक दिया गया। बाकी 3 पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब, सिंधु) के पानी के बहाव को बिना बाधा पाकिस्तान को देना था। संधि में तय मानकों के मुताबिक भारत में पश्चिमी नदियों के पानी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सियाचीन विवाद
साल 1972 के शिमला समझौते में सियाचिन इलाके को बेजान और बंजर करार दिया गया था। यानी यह इलाका इंसानों के रहने के लायक नहीं है। लेकिन इस समझौते में दोनों देशों के बीच सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था। इस समझौते में यह नहीं बताया गया कि भारत और पाकिस्तान की सीमा सियाचिन में कहां होगी। उसके बाद से इस क्षेत्र पर पाकिस्तान ने अपना अधिकार जताना शुरू कर दिया। इस ग्लेशियर के ऊपरी भाग पर फिलहाल भारत और निचले भाग पर पाकिस्तान का कब्जा है।
बता दें कि 1984 में पाकिस्तान सियाचिन पर कब्जे की तैयारी में था लेकिन सही समय पर इसकी जानकारी होने के बाद सेना ने ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। 13 अप्रैल 1984 को सियाचिन ग्लेशियर पर भारत ने कब्जा कर लिया। इससे पहले इस क्षेत्र में सिर्फ पर्वतारोही आते थे।
सर क्रीक विवाद
सर क्रीक मामले पर विवाद 1960 के दशक में शुरू हुआ था। सर क्रीक विवाद दरअसल 60 किलोमीटर लंबी दलदली ज़मीन का विवाद है जो भारतीय राज्य गुजरात और पाकिस्तान के राज्य सिंध के बीच स्थित है। सर क्रीक पानी के कटाव के कारण बना है और यहां ज्वार भाटे के कारण यह तय नहीं होता कि कितने हिस्से में पानी रहेगा और कितने में नहीं।
आजादी के बाद जब दोनों देशों के बीच बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान ने सर क्रीक खाड़ी पर अपना मालिकाना हक जता दिया। इस पर भारत ने एक प्रस्ताव तैयार किया जिसमें समुद्र में कच्छ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक सीधी रेखा खींची और कहा कि इसे ही सीमारेखा मान लेनी चाहिए। यह प्रस्ताव पाकिस्तान ने ठुकरा दिया, क्योंकि इसमें 90 फीसदी हिस्सा भारत को मिल रहा था।
आतंकवाद
पूरी दुनिया में कही भी आतंकवादी घटना होती है तो इसका तार कहीं ना कहीं से पाकिस्तान से जुड़ जाता है। चाहे अमेरिका, पेरिस हो या फिर पुलवामा। हर आतंकी घटना में पाकिस्तान का हाथ दिखाई देता है। पाकिस्तान के मंत्री तक इस बात को क़ुबूल कर चुके हैं कि उनके यहां आतंकी संगठन सक्रिय हैं। ऐसे में भारत और अन्य देशों पाकिस्तान की पनाह में पल रहे आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान और भारत के बीच पाकिस्तान में आतंकवाद एक महत्वपूर्व मुद्दा है जिसके खिलाफ पाकिस्तान के साथ विवाद चल रहा है कि वह कब तक अपनी जमीन पर आतंकवादियों को पनाह देंगे।
एयर स्ट्राइक और आतंकियों के नाम पर चल रही राजनीति
भारत-पाकिस्तान के बीच में विवाद का मुद्दा केवल कश्मीर नहीं बल्कि कई और भी मुद्दे है, जिनसे इन दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है। भारत और पाकिस्तान में संबंध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं। इन देशों में इस रिश्ते की मूल वजह भारत के विभाजन को देखा जाता है। आइए जानते हैं उन विवादों के बारे में जो कश्मीर के मुद्दे से अलग हैं और जिनकी वजह से आज भी दोनों के रिश्तों में खटास है।सिंधु जल समझौतासाल 1947 में भारत आजाद होने के बाद से पानी को लेकर विवाद शुरू हो गया। 1948 में भारत ने पानी रोक दिया था, जिससे पाकिस्तान में दिक्कत शुरू हो गई। उसके बाद एक समझौते के साथ पानी की आपूर्ति शुरू हुई। 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के बाद से भारत और पाकिस्तान में कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव बना हुआ है।इस समझौते के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ, जो भारत से पाकिस्तान जाती हैं। 3 पूर्वी नदियों (रावी, व्यास और सतलज) के पानी पर भारत का पूरा हक दिया गया। बाकी 3 पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब, सिंधु) के पानी के बहाव को बिना बाधा पाकिस्तान को देना था। संधि में तय मानकों के मुताबिक भारत में पश्चिमी नदियों के पानी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।सियाचीन विवाद साल 1972 के शिमला समझौते में सियाचिन इलाके को बेजान और बंजर करार दिया गया था। यानी यह इलाका इंसानों के रहने के लायक नहीं है। लेकिन इस समझौते में दोनों देशों के बीच सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था। इस समझौते में यह नहीं बताया गया कि भारत और पाकिस्तान की सीमा सियाचिन में कहां होगी। उसके बाद से इस क्षेत्र पर पाकिस्तान ने अपना अधिकार जताना शुरू कर दिया। इस ग्लेशियर के ऊपरी भाग पर फिलहाल भारत और निचले भाग पर पाकिस्तान का कब्जा है।बता दें कि 1984 में पाकिस्तान सियाचिन पर कब्जे की तैयारी में था लेकिन सही समय पर इसकी जानकारी होने के बाद सेना ने ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। 13 अप्रैल 1984 को सियाचिन ग्लेशियर पर भारत ने कब्जा कर लिया। इससे पहले इस क्षेत्र में सिर्फ पर्वतारोही आते थे।सर क्रीक विवाद सर क्रीक मामले पर विवाद 1960 के दशक में शुरू हुआ था। सर क्रीक विवाद दरअसल 60 किलोमीटर लंबी दलदली ज़मीन का विवाद है जो भारतीय राज्य गुजरात और पाकिस्तान के राज्य सिंध के बीच स्थित है। सर क्रीक पानी के कटाव के कारण बना है और यहां ज्वार भाटे के कारण यह तय नहीं होता कि कितने हिस्से में पानी रहेगा और कितने में नहीं।आजादी के बाद जब दोनों देशों के बीच बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान ने सर क्रीक खाड़ी पर अपना मालिकाना हक जता दिया। इस पर भारत ने एक प्रस्ताव तैयार किया जिसमें समुद्र में कच्छ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक सीधी रेखा खींची और कहा कि इसे ही सीमारेखा मान लेनी चाहिए। यह प्रस्ताव पाकिस्तान ने ठुकरा दिया, क्योंकि इसमें 90 फीसदी हिस्सा भारत को मिल रहा था।आतंकवाद पूरी दुनिया में कही भी आतंकवादी घटना होती है तो इसका तार कहीं ना कहीं से पाकिस्तान से जुड़ जाता है। चाहे अमेरिका, पेरिस हो या फिर पुलवामा। हर आतंकी घटना में पाकिस्तान का हाथ दिखाई देता है। पाकिस्तान के मंत्री तक इस बात को क़ुबूल कर चुके हैं कि उनके यहां आतंकी संगठन सक्रिय हैं। ऐसे में भारत और अन्य देशों पाकिस्तान की पनाह में पल रहे आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान और भारत के बीच पाकिस्तान में आतंकवाद एक महत्वपूर्व मुद्दा है जिसके खिलाफ पाकिस्तान के साथ विवाद चल रहा है कि वह कब तक अपनी जमीन पर आतंकवादियों को पनाह देंगे।दाऊद इब्राहिमभारत के खास दुश्मनों में दाऊद इब्राहिम 1993 ब्लास्ट के बाद से ही मोस्ट वांटेड रहा है। खबरों की माने तो, भारत बकायदा पाकिस्तान में दाऊद के घर का पता भी कई बार सार्वजनिक कर चुका है। पिछले साल भारत ने यूएन में भी इसके सबूत दिए थे कि दाऊद पाकिस्तान में है और उसे पाकिस्तान सरकार की संरक्षण प्राप्त है।आपको बता दें, भारत का मोस्ट वांटेड भगोड़ा डॉन 1993 के मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है, जिसमें करीब 260 लोग मारे गए थे। करीब 24 साल पहले भारत से फरार हो चुका दाऊद तब से पाकिस्तान में रहकर अपना अंडरवर्ल्ड साम्राज्य चला रहा है, लेकिन पाकिस्तान लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि दाऊद उसके देश में है।
दाऊद इब्राहिम
भारत के खास दुश्मनों में दाऊद इब्राहिम 1993 ब्लास्ट के बाद से ही मोस्ट वांटेड रहा है। खबरों की माने तो, भारत बकायदा पाकिस्तान में दाऊद के घर का पता भी कई बार सार्वजनिक कर चुका है। पिछले साल भारत ने यूएन में भी इसके सबूत दिए थे कि दाऊद पाकिस्तान में है और उसे पाकिस्तान सरकार की संरक्षण प्राप्त है।
आपको बता दें, भारत का मोस्ट वांटेड भगोड़ा डॉन 1993 के मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है, जिसमें करीब 260 लोग मारे गए थे। करीब 24 साल पहले भारत से फरार हो चुका दाऊद तब से पाकिस्तान में रहकर अपना अंडरवर्ल्ड साम्राज्य चला रहा है, लेकिन पाकिस्तान लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि दाऊद उसके देश में है।
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