आगामी लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के साथ-साथ चुनाव आयोग ने एक नई घोषणा भी की। अगर किसी पार्टी के उम्मीदवार पर कोई भी क्रिमिनल केस दर्ज है तो वह उसे छिपा नहीं पाएंगा। इतना ही नहीं, अब तो अखबार और टीवी पर विज्ञापन देकर खुद ही बताना होगा कि मैं अपराधी हूं और किस तरह के अपराध किये है उनकी भी जानकारी देनी होगी।
खबरों के अनुसार, चुनाव आयोग द्वारा दिए गए इस निर्देश में सभी राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के क्रिमिनल रिकॉर्ड का विज्ञापन देना होगा। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और पार्टियों को प्रचार करने के दौरान व्यापक रूप से प्रसारित अखबारों और लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीखों पर अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा। बता दे ये निर्देश 10 अक्टूबर 2018 को जारी किए गए थे। लेकिन 11 अप्रैल 2019 से 19 मई 2019 तक होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार इस नियम का इस्तेमाल किया जाएगा।
साथ ही, चुनाव आयोग ने कहा कि पार्टियों को अपने प्रत्याशियों के बारे में अपनी वेबसाइट पर जानकारी देना अनिवार्य होगा। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह नहीं बताया कि क्या उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अपनी जेब से भुगतान करना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह चुनाव से संबंधित खर्च है, इसलिए प्रत्याशियों को यह कीमत चुकानी होगी। इस नियम का पालन करने में विफल रहने वाले दलों पर मान्यता खत्म होने या निलंबित होने का खतरा भी रहेगा।
लोकसभा चुनाव: जानिए कब-किस चरण में होंगे, चुनाव आयोग ने किया ऐलान
आगामी लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के साथ-साथ चुनाव आयोग ने एक नई घोषणा भी की। अगर किसी पार्टी के उम्मीदवार पर कोई भी क्रिमिनल केस दर्ज है तो वह उसे छिपा नहीं पाएंगा। इतना ही नहीं, अब तो अखबार और टीवी पर विज्ञापन देकर खुद ही बताना होगा कि मैं अपराधी हूं और किस तरह के अपराध किये है उनकी भी जानकारी देनी होगी।खबरों के अनुसार, चुनाव आयोग द्वारा दिए गए इस निर्देश में सभी राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के क्रिमिनल रिकॉर्ड का विज्ञापन देना होगा। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और पार्टियों को प्रचार करने के दौरान व्यापक रूप से प्रसारित अखबारों और लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीखों पर अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा। बता दे ये निर्देश 10 अक्टूबर 2018 को जारी किए गए थे। लेकिन 11 अप्रैल 2019 से 19 मई 2019 तक होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार इस नियम का इस्तेमाल किया जाएगा।साथ ही, चुनाव आयोग ने कहा कि पार्टियों को अपने प्रत्याशियों के बारे में अपनी वेबसाइट पर जानकारी देना अनिवार्य होगा। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह नहीं बताया कि क्या उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अपनी जेब से भुगतान करना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह चुनाव से संबंधित खर्च है, इसलिए प्रत्याशियों को यह कीमत चुकानी होगी। इस नियम का पालन करने में विफल रहने वाले दलों पर मान्यता खत्म होने या निलंबित होने का खतरा भी रहेगा।इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने चुनाव अभियान के दौरान सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर रखते हुए इसके दुरुपयोग से फर्जी खबरों और गलत जानकारियों के प्रचार-प्रसार एवं छद्म प्रचार को रोकने के लिये आगामी लोकसभा चुनाव में सख्त प्रावधान किए हैं। आयोग ने लोकसभा चुनावों से पहले फर्जी खबरों (फेक न्यूज) पर नजर रखने और अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर लगाम कसने के लिए सोशल मीडिया साइटों के ‘तथ्यों की जांच-परख करने वालों’ को तैनात करेगी। जिससे चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटित हो तथा अपराधियों पर लगाम कसी जा सके।
इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने चुनाव अभियान के दौरान सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर रखते हुए इसके दुरुपयोग से फर्जी खबरों और गलत जानकारियों के प्रचार-प्रसार एवं छद्म प्रचार को रोकने के लिये आगामी लोकसभा चुनाव में सख्त प्रावधान किए हैं। आयोग ने लोकसभा चुनावों से पहले फर्जी खबरों (फेक न्यूज) पर नजर रखने और अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर लगाम कसने के लिए सोशल मीडिया साइटों के ‘तथ्यों की जांच-परख करने वालों’ को तैनात करेगी। जिससे चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटित हो तथा अपराधियों पर लगाम कसी जा सके।