राजनीति में किस्मत आजमा रहा हर प्रत्याशी चुनावी दौर में जीत हासिल करने के लिए जीतोड़ मेहनत करते है। सच भी है, चुनावी मैदान में उतरने वाला हर प्रत्याशी जीतने के लिए ही मैदान में उतरता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई प्रत्याशी केवल हारने के लिए चुनाव लड़ता है? अगर नहीं सुना है तो ये खबर आपको हैरत में डाल देगी। जी हां, एक ऐसे शख्स है जो चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि हारने के लिए लड़ते है।
इलेक्शन किंग के नाम से जाने जाना वाला यह शख्स अब तक करीब 170 चुनाव लड़ चुका है। इनका नाम है के. पद्मराजन। पद्मराजन पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर हैं और अब तक करीब 170 चुनाव लड़ चुके हैं। मजेदार बात यह है कि पद्मराजन कोई भी चुनाव जीतने के इरादे से नहीं लड़ते हैं और ना ही आज तक किसी भी चुनाव में जीत हासिल कर पाए हैं। उन्होंने देश के करीब सभी बड़े नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ा है और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में सबसे असफल प्रत्याशी के रूप में दर्ज है।
इतना ही नहीं, डॉ. पद्मराजन ने लोकसभा, विधानसभा के अलावा राज्यसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव बतौर निर्दलीय लड़ा और सभी में हार दर्ज की। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1988 में लड़ा था। उनका दावा है कि अब तक वह नामांकन भरने पर 12 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर चुके हैं। 2011 में मेत्तूर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें 6,273 वोट मिले थे। यह उन्हें अब तक मिले वोटों में सर्वाधिक है।
आपको बता दे कि डॉ. पद्मराजन आम तौर पर लोकप्रिय नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ना पसंद करते है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, मनमोहन सिंह आदि के खिलाफ चुनाव लड़ा है। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1988 में लड़ा था। सिर्फ चुनाव लड़ने और उसमें हारने के लिए वह अबतक लाखों रूपये खर्च कर चुके है।
बीजेपी सरकार में लुच्चे, लफंगे, गुंडों की फौज है- अरविंद केजरीवाल
राजनीति में किस्मत आजमा रहा हर प्रत्याशी चुनावी दौर में जीत हासिल करने के लिए जीतोड़ मेहनत करते है। सच भी है, चुनावी मैदान में उतरने वाला हर प्रत्याशी जीतने के लिए ही मैदान में उतरता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई प्रत्याशी केवल हारने के लिए चुनाव लड़ता है? अगर नहीं सुना है तो ये खबर आपको हैरत में डाल देगी। जी हां, एक ऐसे शख्स है जो चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि हारने के लिए लड़ते है।इलेक्शन किंग के नाम से जाने जाना वाला यह शख्स अब तक करीब 170 चुनाव लड़ चुका है। इनका नाम है के. पद्मराजन। पद्मराजन पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर हैं और अब तक करीब 170 चुनाव लड़ चुके हैं। मजेदार बात यह है कि पद्मराजन कोई भी चुनाव जीतने के इरादे से नहीं लड़ते हैं और ना ही आज तक किसी भी चुनाव में जीत हासिल कर पाए हैं। उन्होंने देश के करीब सभी बड़े नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ा है और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में सबसे असफल प्रत्याशी के रूप में दर्ज है।इतना ही नहीं, डॉ. पद्मराजन ने लोकसभा, विधानसभा के अलावा राज्यसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव बतौर निर्दलीय लड़ा और सभी में हार दर्ज की। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1988 में लड़ा था। उनका दावा है कि अब तक वह नामांकन भरने पर 12 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर चुके हैं। 2011 में मेत्तूर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें 6,273 वोट मिले थे। यह उन्हें अब तक मिले वोटों में सर्वाधिक है।आपको बता दे कि डॉ. पद्मराजन आम तौर पर लोकप्रिय नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ना पसंद करते है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, मनमोहन सिंह आदि के खिलाफ चुनाव लड़ा है। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1988 में लड़ा था। सिर्फ चुनाव लड़ने और उसमें हारने के लिए वह अबतक लाखों रूपये खर्च कर चुके है।