आगामी लोकसभा चुनावों के चलते जहां प्रचार का काम शुरू हो गया है तो वही एक-दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। इसी बीच उत्तरप्रदेश के गोरखपुर लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने आरोप लगाया है कि बीजेपी में शामिल होने के लिए निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने बीजेपी में शामिल होने के लिए रिश्वत ली है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गोरखपुर से सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भाजपा से 50 करोड़ रुपए लेकर पार्टी के अंग बने हैं। उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसी डील हो गई है।
Ram Bhuwal Nishad, SP's candidate from Gorakhpur LS seat: There was a deal. Nishad Party chief, Sanjay Nishad took Rs 50 crore from BJP to become a part of the party. He had a deal with Yogi ji. pic.twitter.com/CxMYF49Az9
आगामी लोकसभा चुनावों के चलते जहां प्रचार का काम शुरू हो गया है तो वही एक-दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। इसी बीच उत्तरप्रदेश के गोरखपुर लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने आरोप लगाया है कि बीजेपी में शामिल होने के लिए निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने बीजेपी में शामिल होने के लिए रिश्वत ली है।न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गोरखपुर से सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भाजपा से 50 करोड़ रुपए लेकर पार्टी के अंग बने हैं। उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसी डील हो गई है।आपको बता दे 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ इस सीट से जीते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी और उसके बाद उपचुनाव में बीजेपी को सपा बसपा गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी मामूली अंतर से हारी और जीत का कारण ‘निषाद फैक्टर’ बताया गया।वर्ष 2015 में अस्तित्व में आई निषाद पार्टी ने 2018 के उपचुनाव में गोरखपुर से प्रवीण निषाद को एसपी बीएसपी के गठबंधन प्रत्याशी के रूप में लड़ाया था। प्रवीण निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं। अब संजय निषाद कथित तौर पर चुनावी सौदेबाजी में लगे हैं। वे बीजेपी और विपक्ष दोनों गठबंधन के नेताओं को तनाव में डाल रहे हैं।अभी 26-27 मार्च के लगभग सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने निषाद पार्टी, राष्ट्रीय समानता दल और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन का ऐलान किया था। संजय निषाद ने भी पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा की घोषणा की थी। अखिलेश यादव ने तुरंत प्रवीण निषाद को गोरखपुर से अपनी पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया था।हालांकि उसके तीन दिन बाद ही ये गठबंधन टूट गया। शनिवार शाम को इसमें यूटर्न तब दिखा जब संजय निषाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे थे। बाकायदा मीडिया ने उनके मुलाकात की तस्वीरें भी जारी की थीं। इसके बाद संजय निषाद ने कहा था कि सपा-बसपा गठबंधन से तालमेल बैठाना मुश्किल है।
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 1, 2019
आपको बता दे 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ इस सीट से जीते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी और उसके बाद उपचुनाव में बीजेपी को सपा बसपा गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी मामूली अंतर से हारी और जीत का कारण ‘निषाद फैक्टर’ बताया गया।
वर्ष 2015 में अस्तित्व में आई निषाद पार्टी ने 2018 के उपचुनाव में गोरखपुर से प्रवीण निषाद को एसपी बीएसपी के गठबंधन प्रत्याशी के रूप में लड़ाया था। प्रवीण निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं। अब संजय निषाद कथित तौर पर चुनावी सौदेबाजी में लगे हैं। वे बीजेपी और विपक्ष दोनों गठबंधन के नेताओं को तनाव में डाल रहे हैं।
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