आपने कई हॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा जब पृथ्वी से कोई एस्टेरॉयड टकरा जाए तो क्या होता है। लेकिन अब ऐसा हकीकत में भी होने वाला है। वॉशिंगटन में प्लेनेटरी डिफेंस कॉन्फेरेंस में नासा प्रमुख जिम ब्रेडेस्टाइन ने कहा कि पृथ्वी पर आपके जीवन में ही कोई एस्टेरॉयड टकरा सकता है।
साथ ही, उन्होंने अपनी बात के समर्थन में कहा कि साल 2013 मेंच चेलियाबिंस्क में एक एस्टेरॉयट टकराया था जिसकी वजह से 66 फीट गड्ढा हो गया था। दक्षिणी यूराल क्षेत्र में हुए इस टकराव के कारण संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा था और करीब 1500 लोग घायल हो गए थे।
#FictionalEvent
First press release on asteroid #2019PDC🚨
The International Asteroid Warning Network has announced a worrying discovery: a near-Earth asteroid 100-300m in length has a 1/100 chance of striking Earth in 2027
Find out more: https://t.co/RF2of5JmpY#PlanetaryDefense pic.twitter.com/C06oUxOFDi
आपने कई हॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा जब पृथ्वी से कोई एस्टेरॉयड टकरा जाए तो क्या होता है। लेकिन अब ऐसा हकीकत में भी होने वाला है। वॉशिंगटन में प्लेनेटरी डिफेंस कॉन्फेरेंस में नासा प्रमुख जिम ब्रेडेस्टाइन ने कहा कि पृथ्वी पर आपके जीवन में ही कोई एस्टेरॉयड टकरा सकता है।साथ ही, उन्होंने अपनी बात के समर्थन में कहा कि साल 2013 मेंच चेलियाबिंस्क में एक एस्टेरॉयट टकराया था जिसकी वजह से 66 फीट गड्ढा हो गया था। दक्षिणी यूराल क्षेत्र में हुए इस टकराव के कारण संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा था और करीब 1500 लोग घायल हो गए थे।इसके अलावा, उन्होने कहा कि एस्टेरॉयड का टकराना अब सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह हमारे अपने जीवन में ही सच हो सकता है इसलिए अपनी पृथ्वी को बचाना हमारा कर्तव्य है।हालांकि, नासा के पास पृथ्वी के आस पास 140 मीटर या उससे बड़े करीब 90 फीसदी एस्टेरॉयड को ट्रैक करने की योजना है। सामान्य रूप से एस्टेरॉयड पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते वक्त उनका द्रव्यमान कम हो जाता है। खास बात यह है कि नासा जिस एस्टेरॉयड को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है वह चेलियाबिंस्क में टकराए एस्टेरॉयड की तुलना में सात गुना ज्याद बड़ा है।
— ESA Operations (@esaoperations) April 29, 2019
इसके अलावा, उन्होने कहा कि एस्टेरॉयड का टकराना अब सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह हमारे अपने जीवन में ही सच हो सकता है इसलिए अपनी पृथ्वी को बचाना हमारा कर्तव्य है।
हालांकि, नासा के पास पृथ्वी के आस पास 140 मीटर या उससे बड़े करीब 90 फीसदी एस्टेरॉयड को ट्रैक करने की योजना है। सामान्य रूप से एस्टेरॉयड पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते वक्त उनका द्रव्यमान कम हो जाता है। खास बात यह है कि नासा जिस एस्टेरॉयड को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है वह चेलियाबिंस्क में टकराए एस्टेरॉयड की तुलना में सात गुना ज्याद बड़ा है।
Video: रोमांटिक अंदाज में सलमान ने कटरीना से कहा-‘तू बन जा मेरी इश्क दी चाशनी’