लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले केंद्र सरकार को रोजगार के क्षेत्र में थोड़ी राहत मिली है। हाल ही, में EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) द्वारा जारी किये गये आकड़ों के मुताबिक़, संगठित या औपचारिक क्षेत्र में मार्च 2019 में 8 लाख से अधिक नौकरियों का विकास हुआ है।
EPFO के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2019 में सबसे अधिक नौकिरयां 22 से 25 साल के आयुवर्ग के लोगों को मिली। इस वर्ग के लेगों के लिए 2.25 लाख रोजगार के अवसरों का विकास हुआ। इसके बाद 18 से 21 साल के आयु वर्ग में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिला।
Video: उपेंद्र कुशवाहा का हिंसक बयान, कहा- चुनावी रिजल्ट में कोई गड़बड़ी हुई तो हथियार उठाओ
वही, वित्त वर्ष 2018-19 में 8.31 लाख के आंकड़े के साथ नौकरियों में बढ़ोतरी का सबसे ऊंचा आंकड़ा जनवरी 2019 में रहा। पिछले माह जारी प्रारंभिक आंकड़ों में जनवरी 19 का यह आंकड़ा 8.94 लाख बताया गया था। अप्रैल 2019 में जारी नौकरियों के आंकड़ों में मार्च 2018 के आंकड़ों में बड़ा संशोधन किया गया है। इसमें नौकरियों के अवसरों में 55,934 की कमी दिखाई गई है। इस कमी के बारे में EPFO ने कहा कि मार्च के आंकड़े नकारात्मक इसलिए हैं क्योंकि माह के दौरान काफी सदस्य इससे बाहर हुए हैं।
समलैंगिक रिश्ते को कबूलने वाली खिलाड़ी ने अपनी बहन पर लगाया ये आरोप
EPFO के आंकड़े अस्थाई
EPFO के ये आंकड़े अस्थाई हैं और ये लगातार अपडेट होते रहते हैं। इन अनुमानों में अस्थायी कर्मचारी भी शामिल हैं जिनका योगदान आमतौर पर पूरे साल के लिए नहीं होता है। सदस्यों के आंकड़ों को आधार पहचान से जोड़ा गया है। ईपीएफओ संगठित या अर्द्धसंगठित क्षेत्र में श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा कोष का प्रबंधन करता है। इसके सक्रिय सदस्यों की संख्या छह करोड़ है।