पीएम मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पहला बजट पेश किया गया, जिसमे उन्होंने ब्रीफकेस की जगह लाल कपड़े से बने बस्ते का इस्तेमाल किया था। उस दौरान यहीं लाल बस्ता सुर्ख़ियों में आ गया। वहीं, इस लाल कपड़े में बंद दस्तावेजों को देश का बही खाता बताया गया। इन्ही सवालों का जवाब आज वित्तमंत्री ने दिया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘मैंने बजट पेश करते समय सूटकेस नहीं लिया, क्योंकि हम सूटकेस ले जाने वाली सरकार नहीं हैं। सूटकेस कुछ लेने-देने को दर्शाता है। मोदी जी की सरकार सूटकेस की सरकार नहीं है।
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman in Chennai: For #Budget2019, I didn't carry a suitcase. We aren't a suitcase-carrying govt as suitcase also denotes something else, suitcase-taking, suitcase-giving. Modi ji’s govt is not suitcase govt. pic.twitter.com/w6V4e2Gp3t
— ANI (@ANI) July 20, 2019
साथ ही, उन्होंने कहा था कि भारत में हर चीज को लेकर अपनी अलग ही परंपरा है। दिवाली या किसी भी शुभ काम के लिए लाल रंग का उपयोग करते हैं। दुकान के बहीखातों की शुरूआत करते समय भी उसका कवर लाल रंग का ही होता है। उसपर कुमकुम, हल्दीय, चंदन और शुभ लाभ लिखकर शुरूआत की जाती है।
आपको बता दे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच जुलाई को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था। इस दौरान वो ब्रीफकेस या सूटकेस की जगह लाल बस्ते में दस्तावेज लेकर पहुंची थीं। इस लाल रंग के बस्तेक को सरकारी पहचान देने के लिए उसपर अशोक स्तंभ का चिन्हो लगाया गया था। लोकसभा में ऐसा पहला मौका था जब किसी वित्त मंत्री ने बजट दस्तावेज के लिए बस्ते का उपयोग किया था।
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