इन दिनों पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों की किडनैपिंग कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी कराने के लगातार मामले आ रहे हैं। इस मुद्दे को कुछ दिन पहले नेशनल असेंबली में भी उठाया गया। इसी के चलते अब पाक के सिंध प्रांत के एक मौलवी ने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण की बात कबूली है और इस पर बड़ा बयान दिया है।
दरअसल, ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के अनुसार, मौलवी अब्दुल खालिक मीथा ने कबूला है कि वह हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाने का मिशन चला रहा है। ये काम वह बहुत पहले से कर रहा है। आगे भी इसे जारी रखेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, मीथा ने ये भी दावा किया उसके 9 बच्चे भी इसी मिशन पर काम करेंगे, क्योंकि उनके पुरखों ने भी यही काम किया था।
वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की हालिया रिपोर्ट में ये साबित हो चुका है कि सिंध प्रांत में ही अल्पसंख्यकों (हिंदुओं) के धर्म परिवर्तन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। ये काम धरकी शहर की भरचूंदी दरगाह में होता है, जिसका मौलवी यही अब्दुल खालिक मीथा है। उसे प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है। यहां के सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक, बीते नौ सालों में 450 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण इसी दरगाह में कराया गया।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, मौलवी मीथा का कहना है, ‘हां, मैंने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए दरगाह में इंतजामात किए हैं। मैं लड़कियों को उनके घर से दरगाह तक लाने के लिए कोई टीम नहीं भेजता। वे अपनी इच्छा से यहां आती हैं। इसलिए मैं उनके निकाह का इंतजाम करता हूं। मेरे पुरखों ने हिंदुओं का धर्मांतरण कराकर इस्लाम की सेवा की है। मैं भी इसी पाक मिशन पर हूं और मेरे बच्चे भी इसी रास्ते पर चलेंगे।’
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साथ ही, उसने कहा कि भारत में घर वापसी कैंपेन इसलिए जल्दी ठंडा पड़ गया, क्योंकि पाकिस्तान में किसी भी हिंदू लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं हो रही है। घर वापसी कैंपेन पाकिस्तान और इस्लाम को नीचा दिखाने के लिए ही था। अगर पाकिस्तान में एक भी हिंदू लड़की पर दबाव डालकर जबरदस्ती धर्मांतरण कराया गया होता तो भारत सबसे पहले यूएन जाता।