राजधानी दिल्ली में अभी तक आपातकालीन स्थिति होने पर इमरजेंसी कॉल करने के लिए 100 नंबर डायल किया जाता था। लेकिन अब पुलिस, एम्बुलेंस या फिर फायर समेत इमरजेंसी सेवाओं के लिए 112 नंबर पर कॉल करना होगा। फिलहाल अभी 100 नंबर कुछ दिनों तक के लिए चलता रहेगा, जबकि तक कि 112 नंबर पूरी तरह से लोगों की जानकारी तक न पहुंच जाए।
पुड्डुचेरी, दमन व दीव, अंडमान निकोबार, दादर नगर हवेली के बाद बुधवार से दिल्ली पांचवा केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जिसने इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS) को लागू कर दिया है। इसके अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी यह लागू है। नवंबर 2018 में ईआरएसएस लागू करने वाला पहला राज्य हिमाचल प्रदेश है। बता दें गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी साल फरवरी में ईआरएसएस का उद्घाटन किया था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 112 एक इमरजेंसी नंबर है, जिसे अमेरिका के 911 के तर्ज पर शुरू किया गया है। इसे भारत में ईआरएसएस के तहत लॉन्च किया गया है। बीते बुधवार को दिल्ली में इसकी शुरुआत करते हुए दिल्ली पुलिस के डीसीपी (ऑपरेशन एंड कम्युनिकेशन) एसके सिंह ने कहा कि ‘कई सारे इमरजेंसी नंबर याद रखना मुश्किल होता है। खासकर तब जब आप एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से दूसरी जगह सफर कर रहे हों। यह नंबर लोगों की परेशानी कम करेगा।’
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गौरतलब है कि देश में पुलिस के लिए 100, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 108, अग्निशमन सेवाओं के लिए 101, महिला हेल्पलाइन के लिए 1091 और 181, चाइल्ड हेल्पलाइन के लिए 1098 नंबर हैं। ये सारे नंबर हर किसी के लिए हर वक्त याद रखना मुश्किल है। जिसे देखते हुए इन सभी इमरजेंसी नंबरों को 112 के अंतर्गत लाया गया है। यानी 112 डायल करने पर सभी आपातकालीन सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
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