गुड़गांव के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) और थिंक कल्चर फाउंडेशन (टीसीएफ) ने साथ मिलकर हाल ही में थिंक कल्चर कॉन्क्लेव 2019 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में “कल्चरली कॉन्शियस कॉन्शियसशिप” पर विशेष ध्यान दिया गया। वहीं, व्यापारिक इकोसिस्टम में क्रॉस-कल्चर को बढ़ावा देने के साथ-साथ 2020 के बढ़ते विविध कार्यबल के बीच संगठनात्मक तालमेल के लिए सांस्कृतिक संवेदनशीलता का प्रचार करने की जरूरत पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस वार्षिक सम्मेलन का आयोजन 27 नवंबर को एमडीआई गुड़गांव परिसर में आयोजित हुआ और इसमें क्षेत्र के प्रमुख सीएक्सओ, उद्यमी और शिक्षाविदों व अन्य सहित प्रतिष्ठित गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देने के लिए एमडीआई के दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया।
इस कॉन्क्लेव के साथ एमडीआई गुड़गांव और थिंक कल्चर फाउंडेशन (टीसीएफ) के बीच एक समृद्ध साझेदारी की शुरुआत भी हुई, जो भावी नेतृत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने छात्रों को महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करने के एमडीआई के प्रमुख मिशनों में से एक है। इस प्रकार, थिंक कल्चर कॉन्क्लेव 2019 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसा कि कि सांस्कृतिक विविधता और समावेश कार्यस्थल में नेतृत्व और संबंध निर्माण में निभाते हैं, और भविष्य में वैश्विक सहयोग का मार्गदर्शन करते रहेंगे। 40% से अधिक कर्मचारी समावेश के साथ-साथ व्यवसाय के बेहतर प्रदर्शन से एक विविध कार्यस्थल संस्कृति को जोड़कर, हाल ही में मैकिन्से के एक अध्ययन में इस विकास को सत्यापित किया गया।
एमडीआई गुड़गांव के निदेशक प्रो. (डॉ.) पवन कुमार सिंह ने कहा, ‘सांस्कृतिक रूप से जागरूक नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर इस वैश्वीकृत दुनिया में। विभिन्न संस्कृतियों में नेताओं के लिए, अखंडता, विनम्रता, उद्देश्य की भावना और भावनात्मक बुद्धि बहुत महत्वपूर्ण है।‘ उन्होंने भविष्य की पीढ़ी के लिए पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने पर भी जोर दिया।
साथ ही, इसके संस्थापक यान हान ने थिंक कल्चर फाउंडेशन ने संस्कृति के महत्व पर जोर दिया और इसके बारे में अपने ध्येय का वर्णन किया करते हुए कहा, ‘मेरे लिए, संस्कृति हवा की तरह है। जैसे-जैसे समय बीतता है और भविष्य बीता कल बन जाता है, संस्कृति बनी रहती है। यह इस बात को दर्शाता है कि इंसान होने का मतलब क्या है। यह हमारे आसपास के सुंदरता और अनुग्रह के प्रति हमारा स्नेह है। थिंक कल्चर फाउंडेशन इस ध्येय पर बनाया गया है।’
जिन गणमान्य व्यक्तियों ने इस सम्मेलन में अलग-अलग विषय पर बात की, उनमें मुख्य वक्ता एस वाई सिद्दीकी, मुख्य सलाहकार, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और थिंक कल्चर फाउंडेशन के संस्थापक यान हान थे। अन्य पैनलिस्ट में प्रियंका अग्रवाल, क्षेत्रीय प्रतिभा प्रबंधक (रेकिट बेंकाइज़र), दिव्या जैन, संस्थापक और सीईओ (सेफ़जुकेट), डॉ. तनुजा शर्मा, प्रोफेसर और क्षेत्र अध्यक्ष, एचआरएम, एमडीआई गुड़गांव और सुरबानी दुबे, उपाध्यक्ष (ग्रेट प्लेस टू वर्क) और सेंटर फॉर इंडिया-चीन स्टडीज़ के निदेशक वेनजुआन झांग शामिल रहे।
संस्कृति और युवाओं को सशक्त बनाने के अपने मिशन के अनुरूप, थिंक कल्चर फाउंडेशन ने कॉलेज ऑफ आर्ट्स, दिल्ली के साथ भी साझेदारी की है। 40 से अधिक छात्र कलाकारों ने, एमडीआई गुड़गांव में विशेष कॉरिडोर में प्रदर्शित की गई, अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से इस कार्यक्रम को पूरा किया।