भारत के विदेश मंत्री एस- जयशंकर के अमेरिका के पाकिस्तान को एफ-16 विमान देने के मुद्दे को उठाने के बाद अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका ने सोमवार को कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों अलग-अलग बिंदुओं पर अमेरिका के साझेदार हैं। एफ-16 आतकंवाद से लड़ने के लिए है, अमेरिका के इस तर्क पर सवाल उठाते हुए एस-जयशंकर ने कहा था कि एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कहां और किसके खिलाफ किया जाता है ये हर कोई जानता है। “आप ये बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।” जयशंकर ने ये जवाब भारतीय मूल के अमेरिकों के एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल के जवाब में ये बात कही।
भारत और पाकिस्तान अलग अलग बिंदुओं पर हमारे साझेदार- प्राइस
इसके जवाब में अमेरिका के विदेशी विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ अपने संबधों को नहीं देख रहे, दूसरी तरफ हम भारत के साथ अपने संबधों को किसी दूसरे देश के संबधों के रुप में नहीं देखते हैं। ये दोनों ही देश अलग-अलग बिंदुओं पर हमारे साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों को एक साझेदार के रुप में देखते हैं, क्योंकि बहुत से मामलों में हमारे साझा मूल्य हैं, कईं मामलों में साझा हित भी हैं। भारत के साथ हमारे रिश्ते अपने आप में अलग हैं। पाकिस्तान के साथ जो रिश्ते हैं वो अपने आप में अलग हैं।
अमेरिका कर रहा है पाकिस्तान की 450 मिलियन डॉलर की मदद-
इस माह की शुरुआत में अमेरिका के बिडेन प्रशासन ने पूर्व के ट्रंप सरकार के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान को 450 मिलियन अमरीकी डॉलर के F-16 फाइटर जेट फ्लीट मेंटेनेंस प्रोग्राम को मंजूरी दी है। ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिए सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के की बात कहकर इस सैन्य सहायता को निलंबित कर दिया था।
अफगानिस्तान की अस्थिरता पाकिस्तान के पक्ष में नहीं-
अमेरिकी प्रवक्ता प्राइस ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि हम ये सुनिश्चित करने का हमारा प्रयास है कि इन दो पडोसी देशों के आपसी संबध जहां तक संभव हो रचनात्मक रहें। दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगानिस्तान में आई अस्थिरता और हिंसा पाकिस्तान के पक्ष में नहीं है।
उन्होंने कहा अफगानिस्तान के लोगों के समर्थन में हम अपने सहयोगी देश पाकिस्तान से लगातार चर्चा करते रहते हैं और हमारा प्रयास रहता है कि वहां के लोगों के जीवन और आजीविका और मानवीय स्थितियों में सुधार आ पाए। हम ये भी देख रहे हैं कि तालिबान उन वायदों को पूरा कर रहा है या नहीं जो उसने अपनी जनता से किए थे।
तालिबान का प्रतिबद्धताओं को पूरा न कर पाने का असर पाकिस्तान पर भी होगा-
प्राइस के अनुसार पाकिस्तान इनमें से कई समान प्रतिबद्धताओं में शामिल है, जो प्रतिबद्धताएं अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए हैं। अगर तालिबान इन प्रतिबद्धताओं को अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए पूरा नहीं कर पाता तो इसका एक महत्वपूर्ण असर पाकिस्तान पर भी होगा। इसलिए हम पाकिस्तान के उनके पडोसी के साथ संबधों को देखते हुए उसके साथ कई हितों को साझा करते हैं।
भारत सरकार ने 10 यूट्यूब चैनलों को किया बैन, ध्रुव राठी का चैनल भी शामिल
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका उस तबाही की तरफ अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान के बड़े क्षेत्रों को तबाह करने वाली बाढ़ से लोगों की जान चली गई है। उन्होंने कहा, “हमने इन बाढ़ों के लिए लाखों डॉलर की राहत प्रदान की है।
मुख्य न्यायाधीश के सामने बोले किरण रिजिजू- जज-वकील और सरकार अपने गिरेबान में झांक कर देखें