देश मे 3 में से 2 लोग डिटर्जेंट, यूरिया, कॉस्टिक सोडा और पेंट युक्त दूध पी रहे हैं, सरकार के मुताबिक देश में 68 फीसदी दूध खाद्य उत्पाद नियंत्रक संस्था (FSSAI) के मानकों पर खरा नहीं उतरता है। उस समय केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे हर्ष वर्धन ने साल 2016 में इस बात का खुलासा भी किया था लेकिन अब राष्ट्रीय अपराध ब्यूरों की मानें तो ये संख्या अब 70 फीसदी हो गई है।
देश में 47 करोड़ टन दूध बन रहा है नकली-
एनसीआईबी हेडक्वाटर नाम की संस्था ने हाल ही में ट्वीटर पर एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी है जिसके अनुसार भारत में दूध के नाम पर 70 प्रतिशत लोग जहर पी रहे हैं। इस ट्वीट में कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार हम हर साल 17 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर रहे हैं, ये सुनकर आपको अच्छा महसूस होगा इतना अधिक दूध का उत्पादन हमारे देश में हो रहा है। लेकिन ये सुनकर दु:ख भी होगा ये उत्पादन खपत से बेहद कम है। हमारे देश में दूध की खपत 64 करोड़ टन है, ऐसे में अगर हम इन आंकडों के आधार पर देखें और 64 में से 17 घटाएं तो 47 करोड़ टन दूध इस देश में नकली बन रहा है।
हमारे देश में दूध के नाम पर 70 प्रतिशत लोग पी रहें हैं जहर। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि हम इस समय हर साल 17 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर रहे है। ये आंकड़ें देखने में अच्छा तो लगता है लेकिन स्थिति तब भयावह हो गई जब पता चला कि देश में दूध की खपत तो 64 करोड़ टन सालाना है। pic.twitter.com/UeEcmZzTL8
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) November 7, 2022
मिल्क पाउडर में भी मिलावट-
एफएसएसआई के मुताबिक दूध में मिलावट के कारण उसकी पोष्टिकता तो खत्म हो रही है साथ ही वो जहर का भी काम कर रहा है। एफएसएसआई ने नमूना जांच में मिल्क पाउडर में भी कमी पाई थी। इसके 548 नमूनों में से 477 में ग्लूकोज मिला था। पैकेट दूध में भी डिटर्जेंट होने की बात सामने आई थी। शाकाहरी व्यक्ति के लिए दूध प्रोटीन का एक सबसे सस्ता स्रोत है साथ ही दूध का इस्तेमाल लोग अपने धार्मिक कार्यों मे भी करते हैं।
अमूल के मुताबिक देश में 21 करोड़ टन सलाना है दूध का उत्पादन-
वहीं अमूल कंपनी के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी के बीते सितंबर में ग्रेटन नोएडा में आयोजित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 में कहा था कि अगले 25 साल में देश में दूध का उत्पादन 62.8 करोड़ टन होने की संभावना है। उनके अनुसार 2021 में देश का दूध उत्पादन 21 करोड़ टन था। उनके अनुसार दुग्ध उत्पादन में सालाना 4.5 प्रतिशत की वृद्धी हो रही है और इसलिए इसका 62.8 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान सटीक है।
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ऐसे में अगर हम सोढ़ी जी की बात भी मानें और 2021 के दूध उत्पादन 21 करोड़ टन को भी लें तो भी ये देश में दूध की कुल मांग 64 करोड़ टन है, ऐसे में भी हम 43 करोड़ टन दूध नकली पी रहे हैं।
मोदी सरकार के प्रयासों से वर्ष 2017-18 में देश का दुग्ध उत्पादन 176.35 मिलियन टन तक पहुंचा, जो वर्ष 2013-14 में 137.7 मिलियन टन उत्पादन की तुलना में 28.06% अधिक है। #NationalMilkDay
— Radha Mohan Singh (@RadhamohanBJP) November 26, 2018
भारत सरकार के बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी, पशुपालन, डेयरी व मत्स्यपालन विभाग, के आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में दूध का उत्पादन 198 मिलयन टन यानी 19.8 करोड़ मेट्रिक टन हो गई है, ऐसे में कुल मांग में यहां भी बड़ा अंतर है।
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