जूली चौरसिया
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा विवाद छेड़ने और हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर की आलोचना करने के दो दिन बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि वह कांग्रेस नेता की टिप्पणी का समर्थन नहीं करते हैं, क्योंकि वह सावरकर का सम्मान करते हैं।
हालांकि उद्धव ठाकरे का कहना है कि शिवसेना देश में आजादी के लिए गांधी की यात्रा का समर्थन करती है, साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह यात्रा के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस द्वारा शेगांव में आयोजित रैली में शामिल नहीं हो सकते हैं। ठाकरे के साथ-साथ कांग्रेस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को आमंत्रित किया था।
इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि आरएसएस भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा नहीं था और बीजेपी से सवाल किया कि सावरकर को ऐसे समय में भारत रत्न से सम्मानित क्यों नहीं किया गया। जब वे उनके और स्वतंत्रता सेनानियों के को के बारे में बहुत कुछ बोलते हैं। हम राहुल गांधी की उन बातों से सहमत नहीं हैं। जो उन्होंने वीर सावरकर के बारे में कहीं है। हम सावरकर से प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। लेकिन सावरकर और स्वतंत्रता सेनानियों पर सवाल करने से पहले आपको हमें यह बताना चाहिए कि स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस की भूमिका और योगदान क्या था।
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आजादी की लड़ाई के वक्त हम नहीं थे लेकिन आरएसएस था। आजादी की लड़ाई में इस संगठन की कोई भूमिका नहीं थी। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी को सावरकर के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं था और उसने याद दिलाया कि उसने सरकार बनाने के लिए जम्मू कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से हाथ मिलाया था।
पीएम के पास पूरा अधिकार है ,भारत रत्न देने का। ठाकरे ने सवाल करते हुए कहा कि आपने अभी तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया ? राहुल गांधी ने मंगलवार को सावरकर के जीवन के साथ आदिवासी नेता बिसरा मुंडा की शहादत की तुलना करते हुए कहा कि बाद वाले जो भाजपा और आरएसएस के आदर्श हैं ने अंग्रेजों को दया याचिकाएं लिखी कांग्रेस ने मुंडा को मूर्तिमान किया। जिन्होंने अपनी जान गवाई बिना मौत का सामना किया।